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    Odisha Train Accident: क्यों बेपटरी हुई ट्रेन? सुरक्षा कवच लगा भी होता तो भी नहीं रुकता हादसा

    By Jagran NewsEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Sat, 03 Jun 2023 09:43 PM (IST)

    Odisha Train Accident रेलवे के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि कोरोमंडल ट्रेन बेपटरी कैसे हुई? इसके लिए उच्चस्तरीय जांच बिठा दी गई है। रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया कि इतना तो साफ है कि ट्रेन की बेपटरी होने के कारण ही यह हादसा हुआ।

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    क्या है रेलवे की कवच प्रणाली (फोटो: एएफपी)

    नई दिल्ली, अरविंद शर्मा। ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे के बाद रेलवे की कवच सुरक्षा प्रणाली को लेकर सवाल खड़ा किया जा रहा है। कहा जा रहा कि अगर उस रुट पर कवच काम कर रहा होता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती, लेकिन रेलवे सूत्रों का कहना है कि हादसा जिस तरीके से हुआ है, उसमें कवच प्रणाली भी काम नहीं करती।

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    क्या है हादसे का मुख्य कारण?

    हादसे का मुख्य कारण ट्रेन का बेपटरी होना है। ऐसी स्थिति में स्वदेशी तकनीक से विकसित कवच प्रणाली काम नहीं कर पाती। रेलवे मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्र ने स्पष्ट किया,

    यह हादसा न तो सिग्नल फेल होने के चलते हुआ है और न ही मालगाड़ी से टकराने के चलते।

    कैसे हुआ ट्रेन हादसा?

    बालासोर स्टेशन के पास बहानगा बाजार स्टेशन से करीब तीन सौ मीटर की दूरी पर लूप लाइन में एक मालगाड़ी पहले से खड़ी थी। तभी हावड़ा से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12841) पटरी से उतर गई। इसका इंजन दूसरे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी पर चढ़ गया और झटके से पीछे की दो बोगियां खाली पड़े तीसरे ट्रैक पर चली गईं। इसी दौरान दूसरी तरफ से आ रही ट्रेन ने उन दोनों बोगियों को रौंद दिया।

    सबसे ज्यादा इन्हीं दोनों बोगियों के यात्री प्रभावित हुए हैं। तीसरे ट्रैक पर विपरीत दिशा से आने वाली ट्रेन की रफ्तार 130 किमी प्रति घंटे थी। ऐसे में हादसे के लिए ड्राइवर को भी जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि उसके पास संभलने और बचाव के लिए कुछ सेकेंड का भी समय नहीं था।

    क्या मालगाड़ी से टकराई कोरोमंडल?

    रेलवे ने मालगाड़ी से कोरोमंडल के टकराने की बात को खारिज किया है। बताया गया है कि वह लूप लाइन में खड़ी थी। इतनी तेज गति से चल रही ट्रेन को हादसे से बचाने में कवच प्रणाली भी सक्षम नहीं हो पाती। वह तभी काम कर पाती है जब दो ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आमने-सामने से आ रही होती हैं या किसी ट्रेन के पीछे से सुरक्षित फासला का ब्रेक कर कोई दूसरी ट्रेन आ रही होती है।

    क्यों बेपटरी हुई ट्रेन?

    रेलवे के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि कोरोमंडल ट्रेन बेपटरी कैसे हुई? इसके लिए उच्चस्तरीय जांच बिठा दी गई है। रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया,

    इतना तो साफ है कि ट्रेन की बेपटरी होने के कारण ही यह हादसा हुआ, लेकिन बेपटरी क्यों हुई, इसपर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।

    सूत्रों का कहना है कि ट्रेन के बेपटरी होने के कई कारण हो सकते हैं। ट्रैक में छेड़छाड़ भी एक वजह हो सकती है या कोच में भी कोई खामी हो सकती है, लेकिन इसमें मानवीय भूल की गुंजाइश भी कम दिख रही है, क्योंकि सीधी लाइन पर चलती हुई ट्रेन डिरेल हुई है। इतना साफ है कि ट्रेन के बेपटरी होने के बाद दूसरी तरफ से 130 किमी प्रतिघंटे की गति में आ रही ट्रेन को रोका नहीं जा सकता है।

    कैसे काम करता है कवच?

    रेलवे ने चलती ट्रेनों की सुरक्षा के लिए 'कवच' नाम की स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली विकसित की है। यह स्वचालित ट्रेन प्रोटेक्शन तकनीक है। यह सिर्फ दो स्थितियों में काम करती है। अगर दो ट्रेनें गलती से आमने-सामने एक ही ट्रैक पर आ रही हैं तो एक तय फासले पर दोनों में अपने आप ब्रेक लग जाएगा। दूसरी स्थिति में अगर कोई ट्रेन पीछे से आ रही है और एक सुरक्षित फासले पर नहीं है तो कवच प्रणाली उसे भी रोक देगी।

    इसके अलावा चलती ट्रेन के रास्ते में रेडलाइट या गेट भी दिख जाएगा तो कवच उसकी गति को कम कर देगा और करीब पहुंचने के पहले ही ब्रेक लगा देगा। कवच न सिर्फ लोको पायलट को खतरे या ट्रेन की तेज गति होने पर सिग्नल से गुजरने से बचने में मदद करता है, बल्कि घने कोहरे और खराब मौसम के दौरान भी मदद करता है।