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    Odisha: ओडिशा सरकार ने सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने का दिया आदेश, कुत्ते प्रेमियों ने की आलोचना

    By AgencyEdited By: Nidhi Avinash
    Updated: Sun, 26 Feb 2023 11:30 AM (IST)

    हैदराबाद में चार साल के बच्चे को सड़क पर आवारा कुत्तों ने नोंच-नोंचकर मार डाला था। इस घटना के बाद अब ओडिशा सरकार ने भी सड़कों से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश दिया है।सरकार के इस आदेश के बाद से समाज में बहस का मुद्दा छिड़ गया है।

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    Odisha: ओडिशा सरकार ने सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने का दिया आदेश, कुत्ते प्रेमियों ने की आलोचना

    भुवनेश्वर, एजेंसी। हैदराबाद में चार साल के बच्चे को सड़क पर आवारा कुत्तों ने नोंच-नोंचकर मार डाला था। इस घटना के बाद अब ओडिशा सरकार ने भी सड़कों से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश दिया है।

    सरकार के इस आदेश के बाद से समाज में बहस का मुद्दा छिड़ गया है। आपको जानकर हैरान होगी लेकिन ओडिशा में 17 लाख से अधिक आवारा कुत्ते है, जो देश में दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। पशुधन गणना 2019 के अनुसार, ओडिशा में 17,34,399 आवारा कुत्ते हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में देश में सबसे अधिक 20,59,261 आवारा कुत्ते हैं।

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    आवारा कुत्तों की बढ़ रही संख्या

    ओडिशा में स्ट्रीट डॉग्स की संख्या 2012 में 8,62,520 से बढ़कर 2019 में 17,34,339 हो गई है। आंकड़े बताते हैं कि पशु जन्म नियंत्रण (ABC) कार्यक्रम ओडिशा में विफल होने के बाद से आवारा कुत्तों को नियंत्रित करना राज्य के सामने एक बड़ी चुनौती बन गई है। ओडिशा के पशु संसाधन विकास मंत्री रणेंद्र प्रताप स्वैन ने हाल ही में सभी मुख्य जिला पशु चिकित्सा अधिकारियों को सतर्क रहने और आवारा कुत्तों को केंद्र से हटाने के लिए कहा था। इस निर्देश का कई लोगों ने स्वागत किया है।

    कुत्ते प्रेमियों ने की ये मांग

    ओडिशा के पशु संसाधन विकास मंत्री का ये निर्देश कुत्ता प्रेमियों को काफी खटक रहा है। उन्होंने इस आदेश को वापस लेने की मांग की है। ओडिया कॉमेडियन राजू दास ने कहा, यात्रियों को विशेष रूप से रात में सड़कों पर कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन हम उन्हें मार नहीं सकते है। उनका सही तरीके से पुनर्वास किया जाना चाहिए। 

    पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (peta) इंडिया की कैंपेन मैनेजर राधिका सूर्यवंशी ने कहा, इसका समाधान कुत्तों की केवल नसबंदी है। बता दें कि भुवनेश्वर नगर निगम ने एक निजी एजेंसी की मदद से शहर में पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम को तेज करने का फैसला किया है। नगरपालिका प्राधिकरण ने पालतू पशुओं के लिए नियम-कायदों को लागू करने का भी निर्णय लिया है।