विश्व शौचालय दिवस: देश के 5.67 लाख गांव 'ओडीएफ प्लस' घोषित, जल शक्ति मंत्रालय ने पेश किए आंकड़ें
देश के लगभग 5.67 लाख गांवों को 'ओडीएफ प्लस' घोषित किया गया है, जो 2022 की तुलना में 467% अधिक है। जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, 4.86 लाख गांवों ने 'ओडीएफ प्लस मॉडल' चरण प्राप्त किया है, जिसका अर्थ है कि वे खुले में शौच से मुक्त हैं और कचरा प्रबंधन कर रहे हैं। मंत्री पाटिल ने कहा कि स्वच्छता से लगभग 3 लाख बच्चों की जान बची है।

5.67 लाख गांव 'ओडीएफ प्लस' घोषित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के लगभग 5.67 लाख गांवों को 'ओडीएफ प्लस' घोषित किया गया है। यह संख्या साल 2022 के करीब एक लाख गांवों के मुकाबले लगभग 467 प्रतिशत अधिक है। जल शक्ति मंत्रालय द्वारा बुधवार को विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में लगभग 4.86 लाख गांवों ने 'ओडीएफ प्लस माडल' चरण को प्राप्त किया है। इसका अर्थ है कि ये गांव ठोस और तरल अपशिष्ट का प्रबंधन करते हुए तथा स्वच्छता बनाए रखते हुए खुले में शौच से मुक्त स्थिति को बनाए रखे हुए हैं। जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि यह परिवर्तन राष्ट्रव्यापी भागीदारी और निरंतर सरकार के समर्थन दोनों को दर्शाता है।
5.67 लाख गांव 'ओडीएफ प्लस' घोषित
पाटिल ने एक कार्यक्रम में कहा- 'इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकारों की थी और केंद्र ने ग्रामीण और शहरी भारत में 12 करोड़ शौचालयों का निर्माण करके इसमें सहायता की।' उन्होंने यह भी कहा कि बड़े पैमाने पर शौचालयों की उपलब्धता से व्यवहार में बदलाव आया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2022 में 'ओडीएफ प्लस' गांवों की संख्या लगभग एक लाख थी, जो अब 467 प्रतिशत बढ़कर 5.67 लाख हो गई है।
'ओडीएफ प्लस' आदर्श गांवों की संख्या बढ़कर 4,85,818 हो गई है। पाटिल ने कहा कि करोड़ों लोग पहले खुले में शौच करते थे लेकिन अब उन्होंने ऐसा करना बंद कर दिया है। पूरी दुनिया में 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
यह सुरक्षित और टिकाऊ स्वच्छता तक पहुंच की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है, जो सतत विकास लक्ष्य 6 के तहत एक केंद्रीय लक्ष्य है। आंकड़ों के अनुसार, शहरी स्वच्छता भी लक्ष्य से अधिक हो गई है, 63.7 लाख से अधिक घरेलू शौचालयों का निर्माण किया गया है, जो मिशन लक्ष्य का 108 प्रतिशत से अधिक है। सार्वजनिक/सामुदायिक शौचालयों का निर्माण लक्ष्य से 125 प्रतिशत अधिक है।
पाटिल का दावा- स्वच्छता ने लगभग तीन लाख बच्चों की जान बचाई
केंद्रीय मंत्री पाटिल ने स्वच्छता को जन आंदोलन में बदलने के लिए स्वच्छ भारत मिशन को श्रेय दिया। मंत्री ने कहा कि बेहतर स्वच्छता से बच्चों की सुरक्षा भी हुई है। पाटिल ने दावा किया-'स्वच्छता ने लगभग 3,00,000 बच्चों की जान बचाई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्वच्छता बुनियादी ढांचे के रखरखाव के लिए धन मुहैया कराती रहेगी।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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