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    एनटीपीसी का बड़ा कदम, कई राज्यों में स्थापित होंगे परमाणु ऊर्जा संयंत्र; इन स्टेट में तलाशी जा रही जमीन

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 08:59 PM (IST)

    एनटीपीसी, सरकारी स्वामित्व वाली बिजली कंपनी, देश में विभिन्न परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है। कंपनी का लक्ष्य 2047 तक भारत की परमाणु क्षमता में 30% हिस्सेदारी हासिल करना है। इसके लिए, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में भूमि का मूल्यांकन किया जा रहा है। कंपनी यूरेनियम भंडारों के अधिग्रहण और तकनीकी सहयोग पर भी विचार कर रही है।

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    एनटीपीसी का बड़ा कदम कई राज्यों में स्थापित होंगे परमाणु ऊर्जा संयंत्र (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकारी स्वामित्व वाली बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी देश के विभिन्न स्थानों पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है। यह ऊर्जा संयंत्र 700 मेगावाट, 1,000 मेगावाट और 1,600 मेगावाट के होंगे।

    कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनटीपीसी का लक्ष्य 2047 तक भारत की प्रस्तावित 100 गीगावाट परमाणु क्षमता में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी (30 गीगावाट) हासिल करना है। उद्योग का अनुमान बताता है कि एक गीगावाट क्षमता वाले परमाणु संयंत्र के लिए 15,000-20,000 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होती है और आमतौर पर अवधारणा से लेकर चालू होने तक कम से कम तीन साल लगते हैं।

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    कंपनी की परमाणु विस्तार योजनाओं पर बात करते हुए अधिकारी ने कहा कि एनटीपीसी वर्तमान में गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों में भूमि विकल्पों का मूल्यांकन कर रही है। कंपनी की रणनीतिक योजना में शामिल अधिकारी ने कहा, "परमाणु परियोजनाओं की क्षमता 700 मेगावाट, 1,000 मेगावाट और 1,600 मेगावाट होगी।" एनटीपीसी परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) द्वारा चिन्हित और अनुमोदित राज्यों में परमाणु ऊर्जा विकास कार्य जारी रखेगी। अधिकारी ने कहा, "एईआरबी संयंत्र लगाने के स्थान को मंजूरी देगा और इसके बाद कंपनी परियोजनाओं को क्रियान्वित करेगी।"

    विदेश में यूरेनियम भंडारों के अधिग्रहण की संभावना तलाश रही एनटीपीसी

    कंपनी ने परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए जरूरी कच्चे माल की उपलब्धता को लेकर भी प्रयास शुरू कर दिए हैं। उसने विदेश में यूरेनियम परिसंपत्तियों के अधिग्रहण की संभावना तलाश रही है। यूरेनियम परमाणु रिएक्टरों में प्रयुक्त होने वाला प्राथमिक ईंधन है। एनटीपीसी ने विदेश में यूरेनियम परिसंपत्तियों की तकनीकी जांच-पड़ताल के लिए यूरेनियम कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआइएल) के साथ एक मसौदा समझौते पर पहले ही हस्ताक्षर कर दिए हैं।

    1,600 मेगावाट संयंत्र के लिए तकनीकी सहयोग पर कर रही विचार

    तकनीक के मोर्चे पर बात करें तो एनटीपीसी 700 मेगावाट और 1,000 मेगावाट के संयंत्रों के देश में ही विकसित प्रेसराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) का उपयोग करने पर विचार कर रही है। हालांकि, कंपनी 1,600 मेगावाट की परमाणु परियोजनाओं के लिए तकनीकी सहयोग पर विचार कर सकती है।

    एनटीपीसी नए ऊर्जा स्त्रोतों में विविधता लाई

    1975 में एक बिजली उत्पादक कंपनी के रूप में स्थापना से लेकर अब तक एनटीपीसी नए ऊर्जा स्त्रोतों में विविधता लाई है। एनटीपीसी की वेबसाइट के अनुसार, कंपनी की वर्तमान में समूह स्तर पर 84,848 मेगावाट की स्थापित क्षमता है, जिसमें कोयला, गैस/तरल ईंधन, जलविद्युत और सौर ऊर्जा शामिल हैं।

    वर्तमान में, एनटीपीसी राजस्थान में लगभग 42,000 करोड़ रुपये के निवेश से भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआइएल) के साथ एक संयुक्त उद्यम (जेवी) में एक परमाणु परियोजना स्थापित कर रही है। एनटीपीसी की अश्विनी (अणुशक्ति विद्युत निगम लिमिटेड) में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि एनपीसीआइएल के पास 51 प्रतिशत की बहुलांश हिस्सेदारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर में बांसवाड़ा में अश्विनी द्वारा स्थापित की जा रही 43700 मेगावाट की माही बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना (एमबीआरएपीपी) की आधारशिला रखी थी।

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