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    अब देश में बनेंगे केवल ई-पासपोर्ट, इमिग्रेशन काउंटर पर नहीं लगानी पड़ेगी लाइन

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 09:28 PM (IST)

    विदेश यात्रा या पहचान के लिए पासपोर्ट महत्वपूर्ण है। सरकार ई-पासपोर्ट को बढ़ावा दे रही है, जिसमें आरएफआईडी चिप से बायोमेट्रिक डेटा सुरक्षित है। इससे इमिग्रेशन में समय कम लगेगा और फर्जीवाड़ा रुकेगा। मई से अब तक 80 लाख ई-पासपोर्ट जारी हुए हैं। पुराने पासपोर्ट एक्सपायरी तक मान्य रहेंगे, लेकिन अब केवल ई-पासपोर्ट ही बनेंगे। पासपोर्ट एक्सपायर होने से आठ महीने पहले एसएमएस अलर्ट मिलेगा।

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    पासपोर्ट को लेकर भारत में बदलाव।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश यात्रा या पहचान प्रमाण के तौर पर पासपोर्ट बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। इसे अधिक सुरक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए सरकार तेजी से हाइटेक ई-पासपोर्ट की दिशा में बढ़ रही है।

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    ये पासपोर्ट अत्याधुनिक सुरक्षा फीचर से लैस हैं। इनमें आरएफआईडी चिप लगी है, जिसमें एन्क्रिप्टेड रूप में धारक का बायोमेट्रिक डाटा संग्रहीत रहता है। ई-पासपोर्ट से इमिग्रेशन काउंटरों पर सत्यापन में लगनेवाले समय में भारी कमी आएगी और किसी तरह के फर्जीवाड़े का सिरदर्द भी दूर होगा। फिलहाल 100 देशों में ई-पासपोर्ट जांच की सुविधा मौजूद है।

    80 लाख से ज्यादा बनवाए जा चुके ई-पासपोर्ट

    इस साल मई में शुरू हुई योजना के बाद से अब तक 80 लाख से ज्यादा ई-पासपोर्ट बनवाए जा चुके हैं। पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम संस्करण 2.0 के तहत अब केवल ई-पासपोर्ट ही बनेंगे, जबकि पुराने गैर-इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट अपनी एक्सपायरी की अवधि तक मान्य रहेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि जून 2035 ई-पासपोर्ट को पूरी तरह लागू कर दिया जाए।

    खास हैं सिक्योरिटी फीचर

    ई-पासपोर्ट में हैं विशेष सुरक्षा फीचर हर ई-पासपोर्ट में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) चिप और एंटिना लगा होगा। इसमें पासपोर्ट धारक का बायोमिट्रिक और व्यक्तिगत डाटा एनक्रिप्टेड रूप में दर्ज रहेगा। इस डाटा में फोटो, फिंगरप्रिंट को अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आइसीएओ) के मानकों के मुताबिक डिजिटल हस्ताक्षरित प्रारूप में सुरक्षित रूप से संग्रहीत रखा जाएगा।

    ऐसे सुरक्षित रहेगा डिजिटल विवरण

    अधिकारियों के मुताबिक नए सिस्टम में 'एक व्यक्ति एक पासपोर्ट' को पुख्ता किया जा सकेगा। केंद्रीय सर्वर में मौजूद व्यक्ति के बायोमीट्रिक डाटा से ई-पासपोर्ट के डाटा का मिलान किया जा सकेगा और आवेदक के नाम पर यदि दूसरा पासपोर्ट मिलता है तो तुरंत पता भी चल जाएगा।

    इस प्रणाली को आधार, पैन और डिजीलाकर से भी जोड़ा गया है। इसमें चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जिसमें पासपोर्ट धारक का डाटा सात परतों में सुरक्षित किया जाता है। पासपोर्ट धारक का डाटा नोएडा, चेन्नई और बेंगलुरु में स्थित डाटा सेंटरों में बंटा रहता है।

    पासपोर्ट एक्सपायर होने से आठ महीने मिलेगा एसएमएस

    विदेश मंत्रालय अब तक देश के भीतर 80 लाख ई-पासपोर्ट जारी कर चुका है, जबकि विदेश में भारतीय मिशनों के जरिये 60 हजार ई-पासपोर्ट जारी किए जा चुके हैं। औसतन 50 हजार पासपोर्ट रोजाना जारी किए जा रहे हैं। ई-पासपोर्ट जारी करने में लगनेवाले समय को भी 45 मिनट से घटाते हुए 30 मिनट पर लाया गया है।

    100 से ज्यादा देशों में ई-पासपोर्ट सत्यापन सुविधा लागू है, जिससे ई-पासपोर्ट धारक भारतीय यात्रियों को ही फायदा मिलेगा। सालाना डेढ़ करोड़ पासपोर्ट जारी किए जाते हैं। अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा पासपोर्ट के एक्सपायर होने से आठ महीने पहले धारकों को एसएमएस के जरिये अलर्ट किया जाएगा। पासपोर्ट व्यवस्था को अपडेट करने में टीसीएस का सहयोग लिया गया है।

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