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    अब गणपति, देवजी और हिड़मा सुरक्षा बलों के निशाने पर, 271 नक्सलियों के समर्पण ने तोड़ी माओवादी रीढ़

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 08:08 AM (IST)

    माओवादी आंदोलन के इतिहास में यह सप्ताह एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में पिछले तीन दिनों में केंद्रीय क्षेत्रीय ब्यूरो (सीआरबी) सचिव भूपति और केंद्रीय समिति सदस्य रूपेश उर्फ विकल्प समेत 271 माओवादियों के आत्मसमर्पण ने संगठन की कमर तोड़ दी है। अब गणपति, देवजी और हिड़मा जैसे प्रमुख माओवादी फोर्स के निशाने पर हैं।

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    अब गणपति, देवजी और हिड़मा सुरक्षा बलों के निशाने पर (फोटो- एक्स)

    अनिमेष पाल, जगदलपुर। माओवादी आंदोलन के इतिहास में यह सप्ताह एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में पिछले तीन दिनों में केंद्रीय क्षेत्रीय ब्यूरो (सीआरबी) सचिव भूपति और केंद्रीय समिति सदस्य रूपेश उर्फ विकल्प समेत 271 माओवादियों के आत्मसमर्पण ने संगठन की कमर तोड़ दी है। अब गणपति, देवजी और हिड़मा जैसे प्रमुख माओवादी फोर्स के निशाने पर हैं।

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    बता दें कि बस्तर, कोंडागांव और दंतेवाड़ा जिले पहले ही माओवादी प्रभाव से मुक्त घोषित किए जा चुके हैं। नारायणपुर, कांकेर और अबूझमाड़ के जंगलों से भी माओवादी प्रभाव लगभग समाप्त हो गया है।

    इस प्रकार, बस्तर संभाग का आधे से अधिक भूभाग अब माओवादी मुक्त हो चुका है। वर्तमान में माओवादी प्रभाव केवल दक्षिण बस्तर के बीजापुर और सुकमा जिलों के सीमावर्ती इलाकों तक सिमट गया है।

    सुरक्षा बलों की रणनीति अब इन्हीं क्षेत्रों में निर्णायक दबाव बनाने पर केंद्रित है।पोलित ब्यूरो सदस्य और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन प्रमुख देवजी, पूर्व महासचिव गणपति, केंद्रीय समिति सदस्य एवं बटालियन प्रभारी हिड़मा, तेलंगाना स्टेट कमेटी सचिव चंद्रन्ना और डीकेएसजेडसी सदस्य बारसे देवा को संगठन के शेष नेतृत्व के रूप में देखा जा रहा है।

    डीकेएसजेडसी के अधीन सुकमा का दक्षिण बस्तर डिवीजन (कोंटा, केरलापाल, जगरगुंडा, पामेड़) और बीजापुर का पश्चिम बस्तर डिवीजन (गंगालूर, मद्देड़, नेशनल पार्क क्षेत्र) रह गया है। इसमें लगभग 300 माओवादी बचे हैं। आइजीपी सुंदरराज पी. का कहना है कि दक्षिण और पश्चिम बस्तर में नए कैंप खोले जा रहे हैं ताकि मार्च 2026 तक माओवादियों का समूल सफाया किया जा सके।

    100 माओवादी दीवाली पर करेंगे आत्मसमर्पण

    इस बीच, छत्तीसगढ़ में उदंती एरिया कमेटी के सक्रिय माओवादी दीवाली पर 20 अक्टूबर को आत्मसमर्पण करने की योजना बना रहे हैं। यह निर्णय भूपति के 61 साथियों के आत्मसमर्पण और बस्तर में रूपेश के 210 माओवादियों के लाल आतंक छोड़कर संविधान को अपनाने के बाद आया है।

    इनामी माओवादी पिलसाय कश्यप ने आत्मसमर्पण कर दिया

    माओवादी सुनील द्वारा जारी अपील पत्र में संगठन के भीतर निराशाजनक माहौल का संकेत मिलता है। उधर, कोंडागांव जिले में एक लाख रुपये के इनामी माओवादी पिलसाय कश्यप ने आत्मसमर्पण कर दिया है, जबकि कोंटा पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में एक लाख रुपये के इनामी माओवादी मुचाकी मंगा को गिरफ्तार किया गया है।