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भगवद् गीता को कोर्स में शामिल करने की याचिका पर यूजीसी व CBSE को नोटिस

भगवद् गीता को स्कूलों और कॉलेजों के पाठयक्रम में शामिल करने की याचिका पर छत्तीसगढ़ HC ने सीबीएसइ और यूजीसी को भेजा नोटिस।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Wed, 11 Apr 2018 10:36 AM (IST)Updated: Wed, 11 Apr 2018 10:36 AM (IST)
भगवद् गीता को कोर्स में शामिल करने की याचिका पर यूजीसी व CBSE को नोटिस
भगवद् गीता को कोर्स में शामिल करने की याचिका पर यूजीसी व CBSE को नोटिस

बिलासपुर (नईदुनिया)। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भगवद् गीता को स्कूलों और कॉलेजों के पाठयक्रम में शामिल करने के संबंध में दायर याचिका पर यूजीसी, अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संघ व सीबीएसइ को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि यदि उक्त तीनों संगठन गीता को कोर्स में शामिल करने के बारे में सहमत हों तो अपना पक्ष अदालत के सामने प्रस्तुत करें। कोर्ट ने तीनों संस्थाओं से जवाब आने के बाद याचिका को अंतिम बहस के लिए 19 जून की तारीख मुकर्रर की है।

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अखिल भारतीय मलयाली संघ के सोमन के मेनन, चंद्रप्रभा सिसोदिया, ज्योति ठाकुर व अन्य ने गीता को स्कूलों व कॉलेजों के पाठयक्रम में शामिल करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि गीता विश्व का एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जो संपूर्ण जीवन दर्शन है। इसमें जन्म से लेकर मनुष्य के पूरे जीवन चक्र को बताया गया है। इस ग्रंथ पर विदेशों में शोध हो रहे हैं। याचिका में गीता को पाठयक्रम में शामिल करने और इस पर रिसर्च की व्यवस्था कराने की मांग की गई है।

पूर्व में हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कुरान व बाइबल के संबंध में याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुना था। इसके बाद यूजीसी, अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संघ व सीबीएसइ को आवश्यक पक्षकार बनाने के निर्देश दिए थे। याचिका में मंगलवार को सीजे टीबी. राधाकृष्णन व जस्टिस शरद कुमार गुप्ता की डबल बेंच में सुनवाई हुई। इसके बाद उक्त तीनों संस्थाओं के विचार जानने के लिए कोर्ट ने तीनों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया।


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