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    मनमोहन सिंह के अस्थि विसर्जन पर घिरी कांग्रेस, भाजपा ने की आलोचना तो बताई ये वजह

    Updated: Mon, 30 Dec 2024 02:45 PM (IST)

    पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अस्थि विसर्जन पर कांग्रेस घिरती दिख रही है। दरअसल दिग्गज नेता के अस्थि विसर्जन में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा। इसके बाद भाजपा ने कांग्रेस की आलोचना की तो पार्टी बचाव में उतरी और विसर्जन में न शामिल होने की वजह बताई। रविवार को परिवार ने मजनू का टीला गुरुद्वारा के पास यमुना नदी में पूर्व पीएम की अस्थि विसर्जित की।

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    पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह। ( फाइल फोटो )

    पीटीआई, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अस्थि विसर्जन में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा। इस पर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा। कड़ी आलोचना के बाद कांग्रेस ने सोमवार को अपनी सफाई दी। पार्टी ने कहा कि उनकी निजता को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है।

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    कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि निजता का सम्मान करते हुए अस्थि विसर्जन में परिवार के साथ नहीं गए। पवन खेड़ा ने आगे कहा कि हमारे प्रिय दिवंगत नेता के अंतिम संस्कार के बाद सोनिया और प्रियंका गांधी वाड्रा ने उनके आवास पर परिवार से मुलाकात की।

    कांग्रेस नेता ने कहा कि चर्चा के बाद यह महसूस किया गया कि परिवार को दाह संस्कार के समय कोई गोपनीयता नहीं मिली थी। परिवार के कुछ सदस्य चिता स्थल पर नहीं पहुंच सके थे। यही वजह थी कि परिवार को फूल चुनने और अस्थि विसर्जन में गोपनीयता देना उचित होगा। यह करीबी परिवार के सदस्यों के लिए भावनात्मक रूप से दर्दनाक और कठिन रस्म है।

    यमुना नदी में अस्थि विसर्जित

    रविवार सुबह परिवार के सदस्यों निगमबोध घाट पहुंचे। यहां अस्थियां चुनी और बाद में यमुना नदी पर बने अस्थ घाट ले गए। सिख रीति-रिवाज के साथ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अस्थियों को परिवार ने मजनू का टीला गुरुद्वारा के पास यमुना नदी में विसर्जित किया। इस दौरान मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर और उनकी तीन बेटियां उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह और अन्य रिश्तेदार मौजूद रहे।

    एक जनवरी को अखंड पाठ

    बता दें कि सिख रीति-रिवाजों के मुताबिक परिवार एक जनवरी को 3, मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित अपने आधिकारिक आवास पर अखंड पाठ का आयोजन करेगा। संसद परिसर के पास स्थित रकाब गंज गुरुद्वारे में 3 जनवरी को भोग समारोह, अंतिम अरदास और कीर्तन का आयोजन किया जाएगा।

    बता दें कि 26 दिसंबर की रात पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का नई दिल्ली स्थित एम्स में 92 वर्ष की उम्र में निधन हुआ था। 1990 के दशक में आर्थिक उदारीकरण के नायक मनमोहन सिंह का शनिवार को निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

    मनमोहन सिंह के स्मारक के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी बयानबाजी का दौर जारी है। निगमबोध घाट में अंतिम संस्कार किए जाने पर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा। वहीं भाजपा कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्र लिखकर सरकार से स्मारक के लिए जगह की मांग भी की है।

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