मानसूनी बारिश ने पूर्वोत्तर में मचाई तबाही, असम और मणिपुर सबसे अधिक प्रभावित; 19 लोगों ने गंवाई जान
पूर्वोत्तर भारत में मानसूनी बारिश ने भारी तबाही मचाई है विशेषकर असम और मणिपुर में सात लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से असम के 21 जिलों के 1506 गांव जलमग्न हो गए हैं और 19 लोगों की जान चली गई है। मणिपुर में 1.7 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।

एएनआई, गुवाहाटी। मानसूनी बारिश से पूर्वोत्तर के राज्यों में तबाही मची हुई है। खासकर असम और मणिपुर सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं। इन दोनों प्रदेशों में अभी तक सात लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। वहीं, मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। असम के 21 जिलों में बाढ़ ने साढ़े छह लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया है।
साथ ही इस आपदा में मौतों का आंकड़ा बढ़कर 19 तक पहुंच गया है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बाढ़ के कारण 21 जिलों के 1,506 गांव जलमग्न हो गए हैं। इसके अलावा फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। सरकार ने बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए 511 राहत शिविर और राहत वितरण केंद्र खोले हैं।
रेल सेवाएं हुईं प्रभावित
अधिकारियों ने बताया कि 8,269 बच्चों समेत कुल 39,746 लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली हुई है। ब्रह्मपुत्र समेत सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गुवाहाटी में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के प्रवक्ता ने बताया कि दक्षिणी असम के कुछ हिस्सों में रेल सेवाएं पटरियों पर बढ़ते जलस्तर के कारण प्रभावित हुई हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ ट्रेनों को रद कर दिया गया है। कुछ ट्रेनों को बीच में ही रोक दिया गया है या उनका समय बदल दिया गया है। वहीं, मणिपुर में बाढ़ के कारण 1.7 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई है। प्रभावित लोगों को 80 राहत केंद्रों में शरण दी गई है। बाढ़ में करीब 36,000 घर डूब गए और भूस्खलन के कारण सड़कें टूटने के साथ ही संचार व्यवस्थाएं ठप हो गई हैं।
इंफाल पूर्वी सबसे अधिक प्रभावित
- इंफाल पूर्वी जिला बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, क्योंकि तीन मुख्य नदियां, इंफाल, इरिल और कोंगबा खतरे के निशान पर बह रही हैं। अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति बुधवार को भी गंभीर बनी रही और लगातार बारिश के कारण पूरे राज्य में नए सिरे से भूस्खलन और जलभराव की आशंका पैदा हो गई है। राज्य के 23 जिलों में 3,000 से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
- राज्य में इस साल मानसून की बारिश के कारण हुए भूस्खलन और बाढ़ के कारण कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दो लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान जारी है। दिबांग घाटी और अंजा जिलों के अलावा मागी तथा सिजी के पास लिकाबाली-आलो राजमार्ग पर नए सिरे से भूस्खलन होने की सूचना मिली है, जिससे वाहनों की आवाजाही बाधित हुई है। राज्य की कई प्रमुख नदियां उफान पर हैं।
उत्तर सिक्किम में सेना ने संभाला मोर्चा
उत्तर सिक्किम में विनाशकारी भूस्खलन से काफी तबाही मची है। राहत और बचाव कार्य जारी है। अब सेना ने मोर्चा संभाला लिया है। खराब मौसम और तमाव विपरीत परिस्थितियों के बीच स्थानीय निवासियों और फंसे हुए पर्यटकों की मदद सेना कर रही है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र का प्रमुख पर्यटन केंद्र लाचेन पूरी तरह से कट गया है। सेना ने यहां के लिए पैदल संपर्क स्थापित किया है।
सेना की टीम 113 फंसे हुए पर्यटकों तक पहुंच बनाई है। इन्हें जल्द ही सुरक्षित निकाला जाएगा। हांलाकि लेफ्टिनेंट कर्नल समेत सेना के जो छह लोग लापता हो गए हैं,उनका अभी भी कोई पता नहीं चला है। छातेन में एक सैन्य शिविर पर भूस्खलन के बाद लापता छह लोगों की तलाश तेजी से जारी है। लापता लोगों में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रीतपाल सिंह संधू, सूबेदार धर्मवीर, नायक सुनिलाल मुचहारी, सिपाही सैनुद्दीन पी.के., लेफ्टिनेंट कर्नल संधू की पत्नी स्क्वाड्रन लीडर आरती संधू (सेवानिवृत्त) और उनकी बेटी अमायरा संधू शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने दिया हरसंभव मदद का आश्वासन
पूर्वोत्तर क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति के बीच केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास और संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिमधिया ने प्रभावित राज्यों को केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।
उन्होंने असम और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ मणिपुर के राज्यपाल से भी बातचीत की है। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम ¨सह तमांग के साथ बातचीत में सिंधिया ने केंद्र की ओर से पूर्ण सहयोग का वादा करते हुए कहा कि हम इस चुनौतीपूर्ण समय में सिक्किम के लोगों के साथ हैं।
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