1 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, राष्ट्र के विकास में करेगा मदद
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार यह एक ग्रीनफील्ड परियोजना है जिसे चार चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण का निर्माण 36 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। हवाईअड्डे के पहले चरण के पूरा होने के बाद इसकी सालाना क्षमता 1.2 करोड़ यात्रियों की होगी।
नई दिल्ली, एएनआइ। गौतम बुद्ध नगर के जेवर में नोएडा ने बन रहा इंटरनेशनल एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा होगा एयरपोर्ट होगा। 29 हजार 650 करोड़ रुपये की लागत से 5845 हेक्टेयर जमीन पर एयरपोर्ट को बनाया जा रहा है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट राष्ट्र के विकास में मदद करेगा। यह एक लाख से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 70 वर्षों से उत्तर प्रदेश में केवल दो एयरपोर्ट थे, लेकिन अब जेवर एयरपोर्ट पिछले सात वर्षों में राज्य में बनने वाला 10वां एयरपोर्ट होगा। जल्द ही राज्य में 17 एयरपोर्ट देखने को मिलेंगे। पहले, केवल 25 गंतव्यों को कवर किया गया था, लेकिन अब 80 गंतव्यों को कवर किया गया है। जेवर एयरपोर्ट इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पड़ने वाले बोझ को कम करेगा और दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और पड़ोसी क्षेत्रों के लोगों को आवाजाही में मदद करेगा।
Jewar airport (in Greater Noida) will help in the development of the nation. It will be Asia's biggest airport. It will also create employment opportunities for more than 1 lakh people: Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia pic.twitter.com/wEmlVf0NHT— ANI (@ANI) November 24, 2021
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, यह एक ग्रीनफील्ड परियोजना है जिसे चार चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण का निर्माण 36 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। हवाईअड्डे के पहले चरण के पूरा होने के बाद इसकी सालाना क्षमता 1.2 करोड़ यात्रियों की होगी। यह भारत का पहला शुद्ध-शून्य उत्सर्जन हवाई अड्डा होगा। इस परियोजना स्थल के पेड़ों का उपयोग करके एयरपोर्ट के एक हिस्से को जंगल पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, एयरपोर्ट पर एक ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर विकसित किया जाएगा, जिसमें एक मल्टीमाडल ट्रांजिट हब, हाउसिंग मेट्रो और हाई-स्पीड रेल स्टेशन, टैक्सी, बस सेवाएं और निजी पार्किंग की सुविधा होगी। इससे हवाईअड्डे को सड़क, रेल और मेट्रो से जोड़ा जा सकेगा।