इंदौर में शवों को दफन करने में नहीं करना पड़े ज्यादा इंतजार, इसलिए पहले से खोद दीं कब्रें
इंदौर में शवों को दफन करने में इंतजार नहीं करना पड़े इसलिए लोगों की मांग पर नगर निगम ने पहले से कब्रें खोदनी शुरू कर दी हैं। पढें यह दिलचस्प रिपोर्ट...
मुकेश मंगल, इंदौर। इंदौर में निर्जीव शरीर प्रशासन के लिए मुसीबत बन चुके हैं। उन्हें कब और कैसे दफनाएं, यह भी उलझन बन चुकी है। दरअसल, शवों को दफनाने के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है। शुक्रवार को तो रहवासियों की मांग पर नगर निगम ने पोकलिन मशीन लगवाकर 10 कब्रें एडवांस में खुदवा दी।
नूरानी नगर कब्रिस्तान में 20 दिनों में 45 से ज्यादा शव दफन हो चुके हैं। एक कब्र खोदने में तीन से चार घंटे का समय लगता है। कब्र खोदने वाले जावेद के हाथों में सूजन आ गई है। पार्षद रफीक खान के मुताबिक सामान्य बीमारी से मरने वाले व्यक्ति की कब्र छह फीट गहरी खोदी जाती थी, लेकिन कोरोना वायरस के कारण 10 फीट गहरी खोदी जा रही है।
जावेद इतनी गहरी कब्रें खोदने में असमर्थ हैं। ऐसे में कई बार शवों को इंतजार भी करना पड़ रहा था। शुक्रवार को नगर निगम को समस्या बताई और पोकलिन मशीन की मांग की गई। दोपहर को मशीन से करीब 10 कब्रें पहले ही खोदवा ली गई हैं। जब भी शव आएंगे तो उनमें दफन करने में मदद मिलेगी।
इसी बीच मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आयुक्त फैज अहमद किदवई ने 10 अप्रैल को प्रदेश के सभी कलेक्टर, एसपी, मेडिकल कॉलेजों के डीन, सभी जिलों के सीएमएचओ एवं सभी जिला अस्पतालों के सिविल सर्जन को पत्र लिखा है कि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसका अंतिम संस्कार मृत स्थान की शहरी सीमा में ही किया जाना चाहिए ताकि संक्रमण को रोका जा सके। आदेश में कहा गया है कि किसी भी स्थिति में शव को बाहर ले जाने की अनुमति नहीं दी जाए।
इंदौर में शुक्रवार को कोरोना वायरस से प्राइवेट प्रैक्टिशनर डॉक्टर सहित चार व्यक्तियों की मौत हो गई। कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बन चुके इंदौर में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। इंदौर में गुरुवार को भी एक निजी चिकित्सक की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण से हुई थी। शाम को आई रिपोर्ट में शहर में 14 नए मरीज मिले। इसी के साथ कुल पॉजिटिव की संख्या 249 पर जा पहुंची। यह पूरे प्रदेश में मिले कुल मरीजों का 50 फीसद है।
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