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'चुनाव प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं', भारत ने इस मामले में अमेरिका को सुनाई खरी-खरी

भारत ने एक बार फिर अमेरिका को साफ तौर पर कहा है कि उसे यहां की लोकतांत्रिक या न्यायिक प्रक्रियाओं में किसी तरह का हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है।दो दिन पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया था।अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि अमेरिका भारत में केजरीवाल की गिरफ्तारी से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Published: Fri, 29 Mar 2024 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2024 06:00 AM (IST)
'चुनाव प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं', भारत ने इस मामले में अमेरिका को सुनाई खरी-खरी
चुनाव प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं- विदेश मंत्रालय ।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर अमेरिका को साफ तौर पर कहा है कि उसे यहां की लोकतांत्रिक या न्यायिक प्रक्रियाओं में किसी तरह का हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है। दो दिन पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया था।

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भारत ने अमेरिकी राजनयिक को किया था तलब

इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी दूतावास के एक वरिष्ठ राजनयिक को तलब कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन इसका अमेरिका पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है। ऐसे में गुरुवार को विदेश मंत्रालय की तरफ से और तल्खी भरा जवाब आया है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय की टिप्पणियां पूरी तरह से अनुचित हैं।

पहले भी हो चुकी है दोनों के बीच बयानबाजी

खालिस्तान समर्थक अमेरिकी नागरिक पन्नू की हत्या की साजिश से जुड़े मामले के बाद यह दूसरा अवसर है जब भारत व अमेरिका के विदेश मंत्रालयों के बीच बयानबाजी हो रही है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि जैसा कि आप जानते हैं कल भारत ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा की गई टिप्पणियों के संबंध में अमेरिकी दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष अपनी कड़ी आपत्ति और विरोध दर्ज कराया है। अमरीकी विदेश मंत्रालय की हालिया टिप्पणियाँ अनुचित हैं। हमारी चुनावी और कानूनी प्रक्रियाओं पर ऐसा कोई भी बाहरी आरोप पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

भारत में कानूनी प्रक्रियाएं केवल कानून के शासन द्वारा संचालित होती हैं। जिस किसी देश या संस्था, विशेषकर सहयोगी लोकतंत्रों को इस तथ्य की सराहना करने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। भारत को अपनी स्वतंत्र और मजबूत लोकतांत्रिक संस्थाओं पर गर्व है। हम उन्हें किसी भी प्रकार के अनुचित बाहरी प्रभाव से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आपसी सम्मान और समझ अंतरराष्ट्रीय संबंधों की नींव बनाती है। साथ ही देशों से दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की अपेक्षा की जाती है।- रणधीर जायसवाल, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता

अमेरिका ने क्या कहा?

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि अमेरिका भारत में केजरीवाल की गिरफ्तारी से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। हमें कांग्रेस पार्टी के इस आरोप का भी पता है जिसमें कर एजेंसियों पर बैंक खाता को जब्त करने की बात कही गई है। हमें उम्मीद है कि इन मामलों में निष्पक्ष व समयबद्ध कानूनी प्रक्रिया की उम्मीद करते हैं।

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जर्मनी भी उठा चुका है सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी का मामला

मालूम हो कि सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी का मामला जर्मनी ने भी उठाया था लेकिन कांग्रेस पार्टी की तरफ से केंद्रीय एजेंसियों पर आरोप लगाना का मामला पहली बार अमेरिका ने उठाया है। भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक संबंध पीएम नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में काफी मजबूत हुए हैं। इसके बावजूद कुछ मुद्दों पर अमेरिका की तरफ से कई बार इस तरह की प्रतिक्रियाएं आ जाती हैं।

खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू से पहले कभी मानवाधिकार के मामले में तो कभी धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में अमेरिकी एजेंसियों की तरफ से भारत को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की जाती रही है।

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