कर्नाटक जाति जनगणना रिपोर्ट पर नहीं होगा जल्दबाजी में फैसला,17 अप्रैल को विशेष बैठक
कर्नाटक सरकार जाति जनगणना रिपोर्ट पर जल्दबाज़ी में कोई फैसला नहीं लेगी। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि रिपोर्ट पर 17 अप्रैल को विशेष कैबिनेट बैठक में चर्चा होगी और विधानसभा में भी विषय उठेगा। भाजपा ने रिपोर्ट में मुस्लिम आबादी को लेकर आपत्ति जताई है और सर्वेक्षण की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने रिपोर्ट न देखने की बात कहते हुए टिप्पणी से इनकार किया।
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार सामाजिक आर्थिक और शिक्षा सर्वेक्षण रिपोर्ट (जाति जनगणना) के सिलसिले में जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेगी। इस रिपोर्ट को हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया गया था।
शिवकुमार ने कहा कि मंत्रिमंडल जाति जनगणना का अध्ययन करेगा और तथ्यों के आधार पर सभी के साथ न्याय किया जाएगा। उन्होंने रिपोर्ट के खिलाफ दिए जा रहे बयानों को राजनीतिक करार दिया।
17 अप्रैल को जाति जनगणना पर विशेष बैठक
कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट शुक्रवार को मंत्रिमंडल के समक्ष रखी गई और 17 अप्रैल को होने वाली विशेष कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। तत्कालीन अध्यक्ष के जयप्रकाश हेगड़े के नेतृत्व वाले आयोग ने पिछले साल 29 फरवरी को मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को रिपोर्ट सौंपी थी, जबकि समाज के कुछ वर्गों ने इस पर आपत्ति जताई थी और सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर भी इसके खिलाफ आवाज उठ रही थी।
शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इसके बारे में बात की है। मैंने अभी तक रिपोर्ट नहीं देखी है, क्योंकि मैं कल बेलगावी और मंगलुरु के दौरे पर था। इस पर मंत्रिमंडल बैठक में चर्चा होनी है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि इस पर विधानसभा में भी चर्चा की जाएगी। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि रिपोर्ट में क्या है, इसलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे। खरगे ने कहा कि मुझे नहीं पता, क्योंकि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि मंत्रिमंडल बैठक में क्या चर्चा होगी या रिपोर्ट में क्या है। अगर मुझे रिपोर्ट मिलती है, तो कुछ कह सकता हूं।
भाजपा ने रिपोर्ट पर उठाए सवाल
कर्नाटक भाजपा ने रविवार को जाति जनगणना रिपोर्ट के निष्कर्षों पर सवाल उठाया और आश्चर्य जताया कि इस तरह से मुस्लिम आबादी कैसे बढ़ सकती है।
भाजपा नेता आर अशोक ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने पूर्व पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष एच कंथाराजू को अपने आवास पर बुलाया, जाति जनगणना रिपोर्ट लिखवाई और इसे पूरा कर लिया। यह अब एक रहस्य बन गया है। जनगणना की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि लाखों-करोड़ों घरों का दौरा किए बिना ही रिपोर्ट तैयार कर ली गई। घर-घर जाकर सर्वेक्षण किए बिना जनगणना कैसे हो सकती है?
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