गोलमोल नहीं, पानी में जहर मिलाने पर सीधा जवाब दें केजरीवाल, चुनाव आयोग की दो टूक, पूछे ये पांच सवाल
Delhi Election 2025 चुनाव आयोग ने आप के संस्थापक अरविंद केजरीवाल के जवाब से असंतुष्ट होने के बाद उन्हें फिर नोटिस जारी किया है। नोटिस में उनसे पानी में जहर मिलाने वाले बयान पर गोलमोल की बजाय पांच बिंदुओं में जवाब मांगा है। स्पष्ट जवाब देने के लिए शुक्रवार को सुबह 11 बजे तक का समय दिया है। इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई का फैसला होगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हरियाणा पर यमुना के पानी में जहर मिलाकर नरसंहार की मंशा का आरोप लगाने वाले दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के जवाब से असंतुष्ट चुनाव आयोग ने गुरुवार को उन्हें फिर से नोटिस दिया है।
आयोग ने उन्हें 31 जनवरी की सुबह 11 बजे तक पांच बिंदुओं पर सीधे जवाब देने का निर्देश देते हुए कहा है कि अमोनिया की बढ़ी हुई मात्रा जैसे मुद्दों को इसमें न शामिल करें। जहर मिलाने के जो आरोप लगाए हैं उसी पर जवाब दें। बुधवार की शाम केजरीवाल ने आयोग के पहले नोटिस का जो जवाब दिया था उसमें अलग अलग डेटा के साथ यह बताया था कि यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ी हुई है जो हानिकारक है।
आयोग ने गुरुवार को कहा कि अमोनिया का क्या स्तर है, क्यों है, जल बंटवारा कैसे होना चाहिए यह सब दूसरा मुद्दा है। केजरीवाल को सीधे तौर पर पांच बिंदुओं पर जवाब देना है।
- हरियाणा सरकार की तरफ से यमुना के पानी में किस तरह का जहर मिलाया गया है।
- इसका सबूत दें कि किस मात्रा में कौन सा जहर मिलाया गया है। किस तरह से इसका पता लगाया गया कि इससे नरसंहार हो सकता है।
- किस स्थान पर पानी में जहर पाया गया।
- जल बोर्ड के किस इंजीनियर ने जहर होने की पहचान की। कहा और कैसे पता लगाया यह भी बताएं।
- जिस इंजीनियर को दिल्ली में ऐसे जहरीले पानी को रोकने के लिए लगाया गया था उसने किस तरह यह काम किया।
क्यों न की जाए कार्रवाई, बोला आयोग
आयोग ने इसके साथ कहा है कि उनके गंभीर आरोपों के लिए कार्रवाई क्यों न की जाए? जिसमें विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य, दुश्मनी, समग्र सार्वजनिक अव्यवस्था व अशांति आदि को बढ़ावा दिया गया है। जल युद्ध व जैविक युद्ध जैसी स्थितियां बताई गई है।
जवाब प्रमाणित नहीं हुआ, तो होगी कार्रवाई
आयोग ने कहा कि यदि उनका प्रमाणित तरीके से जवाब नहीं आता है तो उन्हें उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए बाध्य होना पडेगा। आयोग ने यह भी साफ किया है कि पर्याप्त व स्वच्छ जल की उपलब्धता सरकार से जुड़ा मुद्दा है और सभी संबंधित सरकारों को हर समय सभी लोगों के लिए इसको सुनिश्चित करने के लिए तत्पर दिखना चाहिए।
इन धाराओं में हो सकती है कार्रवाई
आयोग से जुडे सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल का यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा-196 ( जिसमें रहने, जन्म स्थल, भाषा आदि के आधार पर लोगों में शत्रुता फैलाना), धारा- 197 (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप) और धारा- 353 (जनता को गुमराह करना) के तहत कार्रवाई हो सकती है। इनमें उन्हें तीन साल तक की जेल हो सकती है। इसके अलावा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123(4) के तहत भी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें उन्हें चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
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