Move to Jagran APP

SC Hearing on Hijab Case : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हिजाब पहनने पर रोक नहीं, सवाल केवल स्कूलों का; आज भी होगी सुनवाई

कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पर रोक लगाने के मामले में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी को हिजाब पहनने से नहीं रोका जा रहा। यहां सवाल सिर्फ स्कूल में पहनने का है। मामले में गुरुवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 08 Sep 2022 11:36 AM (IST)Updated: Thu, 08 Sep 2022 11:36 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट करेगा हिजाब मामले में आज भी सुनवाई

नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को हिजाब मामले पर सुनवाई की जाएगी। कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पर रोक लगाने के मामले में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी को हिजाब पहनने से नहीं रोका जा रहा। यहां सवाल सिर्फ स्कूल में पहनने का है।

loksabha election banner

मुस्लिम लड़कियों ने हाई कोर्ट के फैसले को दी है चुनौती 

अनेक मुस्लिम लड़कियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पर रोक के सरकारी आदेश को सही ठहराया था। साथ ही कोर्ट ने कहा था कि हिजाब इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है।

हिजाब से क्रास व रुद्राक्ष की तुलना नहीं- SC

कोर्ट ने कहा था कि रुद्राक्ष व क्रास का हिजाब से तुलना नहीं क्योंकि ये एक दूसरे से भिन्न हैं। कोर्ट ने बताया कि रुद्राक्ष व क्रास को कपड़े के अंदर पहना जाता है और इसे दूसरे लोग नहीं देख सकते। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस हेमंत गुप्ता ने यह बयान दिया था। जस्टिस हेमंत गुप्ता व सुधांशु धुलिया की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। दरअसल कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

हिजाब और पगड़ी, चुनरी हैं अलग चीजें 

सोमवार को बेंच ने कहा था कि पगड़ी व चुनरी और हिजाब पूरी तरह अलग चीजें हैं। याचिकाकर्ता मुस्लिम छात्राओं की ओर से बुधवार को दलीलें दी गईं कि स्कूल यूनिफार्म के रंग का हिजाब पहनने में क्या हर्ज है। हिजाब पहनने वाली लड़कियों को स्कूल में प्रवेश करने से रोका जाता है जिससे उन्हें संविधान के अनुच्छेद 19, 21 और 25 में मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है। उनका शिक्षा का अधिकार प्रभावित होता है।

जानें याचिकाकर्ता आशिया शिफा ने क्या कहा

याचिकाकर्ता आशिया शिफा की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ वकील देवदत्त कामथ ने कहा कि वह यूनिफार्म के खिलाफ नहीं हैं और न ही उन्होंने उसे चुनौती दी है। उन्होंने उस सरकारी आदेश को चुनौती दी है जिसमें हिजाब पहनने पर रोक है। कामथ ने कहा कि यूनिफार्म के साथ उसी रंग का हिजाब पहनने में क्या हर्ज है। इससे कौन से नियम का उल्लंघन हो जाता है। वे सिर्फ हिजाब पहनने की इजाजत मांग रहे हैं बुर्का या जिलबाब ([पूरा शरीर ढकने वाली ड्रेस जिसे मुस्लिम महिलाएं पहनती हैं)] की नहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.