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कोझिकोड में निपाह का स्त्रोत पता लगाने को एनआइवी टीम ने फल खाने वाले चमगादड़ों से नमूने लिए

केरल के कोझिकोड में निपाह संक्रमण की चपेट में आकर एक 12 वर्षीय बच्चे की मौत के बाद बीमारी के स्रोत का पता करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वाइरोलाजी (एनआइवी) पुणे की टीम ने शनिवार को जिले का दौरा कर फल खाने वाले चमगादड़ों से नमूने एकत्र किए।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 05:06 PM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 08:08 PM (IST)
कोझिकोड में निपाह का स्त्रोत पता लगाने को एनआइवी टीम ने फल खाने वाले चमगादड़ों से नमूने लिए
निपाह का स्त्रोत पता लगाने को एनआइवी टीम ने नमूने लिए। (फोटो- एएनआइ)

कोझिकोड, एएनआइ। केरल के कोझिकोड में निपाह संक्रमण की चपेट में आकर एक 12 वर्षीय बच्चे की मौत होने के बाद सरकार बहुत सतर्कता बरत रही है। इसी सिलसिले में बीमारी के स्रोत का पता करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वाइरोलाजी (एनआइवी), पुणे की टीम ने शनिवार को जिले का दौरा कर फल खाने वाले चमगादड़ों से नमूने एकत्र किए। यह जानकारी राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग ने दी। एनआईवी की टीम शुक्रवार को कोझिकोड पहुंची थी। निपाह संक्रमण के मामलों के उभरने से लोगों में दहशत फैल गई है।

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इस बीच केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने बताया है कि 20 और लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। एनआइवी पुणे में 2 नमूनों का परीक्षण किया गया और शेष 18 का परीक्षण कोझीकोड मेडिकल कालेज में विशेष रूप से स्थापित प्रयोगशाला में किया गया। इसके साथ ही 108 सैंपल निगेटिव पाए गए।

इससे पहले 8 सितंबर को केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने जानकारी दी थी कि केरल के कोझिकोड जिले के सरकारी मेडिकल कालेज में निपाह वायरस से संक्रमित होने के शक में कुल 68 लोग आइसोलेशन में हैं। इस दौरान उन्होंने बताया था क कांटेक्ट ट्रेसिंग के दौरान कुल 251 व्यक्तियों को सूचीबद्ध किया गया था। इनमें से 129 स्वास्थ्यकर्मचारी थे और 54 उच्च जोखिम वाली श्रेणी में थे। इनमें से 11 में लक्षण था। उच्च जोखिम वाली 54 श्रेणियों में से 30 स्वास्थ्यकर्मी थीं। ये स्वास्थ्यकर्मी एमसीएच, कोझीकोड सहित एक क्लिनिक और चार अस्पतालों के थे।

इसके अगले दिन निपाह के कारण जान गंवाने वाले 12 साल के बच्चे के संपर्क में आए 61 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, 'हमने 68 सैंपल जांच के लिए भेजे हैं और ये सभी 68 सैंपल हाई रिस्क कैटेगरी में हैं। ये नमूने नेगेटिव पाए गए हैं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। लेकिन इसका इंक्यूबेशन पीरियड  21 दिन है। सभी मरीजों को सख्त आइसोलेशन में रखा गया है। कड़ी निगरानी की जा रही है और हमने 24*7 नियंत्रण कक्ष खोला है। हम कान्टैक्ट ट्रेसिंग और सोर्स आइडेंटिफिकेशन भी कर रहे हैं। कम से कम 6-8 लोगों में लक्षण हैं और उनकी हालत स्थिर है।' बता दें कि निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है, लेकिन यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में और दूषित भोजन के जरिये फैल सकता है। इससे पहले, पांच सितंबर को, केंद्र सरकार ने केरल के कोझिकोड जिले में एक मेडिकल टीम भेजी थी।


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