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    ममता बनर्जी को बोलने के लिए कितना समय मिला था? बंगाल की सीएम के दावे पर आया नीति आयोग का जवाब

    Updated: Sat, 27 Jul 2024 07:57 PM (IST)

    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोप पर नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने सफाई दी है। उन्होंने गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ममता बनर्जी बैठक में मौजूद थीं। उन्होंने लंच से पहले समय दिए जाने का अनुरोध किया। इस दौरान उन्होंने (ममता) अपना बयान दिया। बैठक में सभी को 7 मिनट का समय दिया गया था।

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    ममता बनर्जी के आरोप पर नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने सफाई दी है।

    ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोप पर नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने सफाई दी है। उन्होंने गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ममता बनर्जी बैठक में मौजूद थीं। उन्होंने लंच से पहले समय दिए जाने का अनुरोध किया। इस दौरान उन्होंने (ममता) अपना बयान दिया।

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    हमने ममता की बातों को सुना और नोट किया

    बैठक में सभी को 7 मिनट का समय दिया गया था। रक्षा मंत्री ने सिर्फ समय को लेकर इशारा किया था। हमने सम्मानपूर्वक ममता बनर्जी की बातों को सुना और नोट किया। ममता के बीच मीटिंग से जाने के बाद भी उनके मुख्य सचिव कमरे में इंतजार कर रहे थे।

    नीति आयोग के सीईओ ने कहा, "...हमारे पास 10 अनुपस्थित और 26 प्रतिभागी थे। हमारे पास केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पुडुचेरी से अनुपस्थित लोग थे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री मौजूद थीं।"

    'लंच से पहले ममता ने अपनी बारी का अनुरोध किया'

    उन्होंने कहा, "पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने लंच से पहले अपनी बारी का अनुरोध किया था...यह उनकी तरफ से एक बहुत ही स्पष्ट अनुरोध था, क्योंकि आम तौर पर हम वर्णानुक्रम में बात करते हैं...हमने वास्तव में समायोजन किया और रक्षा मंत्री ने गुजरात से ठीक पहले उन्हें बुलाया इसलिए उन्होंने अपना बयान दिया।"

    सुब्रह्मण्यम ने कहा, हर मुख्यमंत्री को 7 मिनट आवंटित किए जाते हैं और स्क्रीन के ऊपर सिर्फ एक घड़ी होती है जो आपको शेष समय बताती है। तो यह सात से छह, पांच, चार और तीन तक जाती है...उसके अंत में यह शून्य दिखाता है और कुछ नहीं। इसके अलावा और कुछ नहीं हुआ...फिर उन्होंने कहा कि देखिए मैं और समय बोलना चाहती थी लेकिन मैं अब और नहीं बोलूंगी...और कुछ नहीं हुआ। हम सबने सुना। उन्होंने अपनी बातें रखीं और हमने सम्मानपूर्वक उनकी बातें सुनीं तथा नोट कीं..."

    नीति आयोग की बैठक के बीच से क्यों निकलीं ममता?

    ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक के बीच ही बाहर निकल कर आ गई थीं। बाहर आने के बाद ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। बनर्जी ने केंद्र सरकार पर भेदभाव करने के आरोप लगाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ 5 मिनट ही बोलने का समय दिया गया।

    बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा, "मैंने कहा कि आपको (केंद्र सरकार) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। मैं बोलना चाहती थी, लेकिन मुझे केवल 5 मिनट के लिए बोलने की अनुमति दी गई। मुझसे पहले के लोगों ने 10-20 मिनट तक बात की। विपक्ष से मैं अकेली थी जो इस बैठक में भाग ले रही थी, लेकिन फिर भी मुझे बोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह अपमानजनक है।" वहीं, सरकार की तरफ से कहा गया है कि ममता बनर्जी का माइक बंद नहीं किया गया था, बल्कि उनके बोलने का वक्त खत्म हो गया था।

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