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    'निशिकांत दुबे पर केस कीजिए, हमारी अनुमति की जरूरत नहीं', अवमानना ​​याचिका पर बोला सुप्रीम कोर्ट

    By Agency Edited By: Mahen Khanna
    Updated: Mon, 21 Apr 2025 01:04 PM (IST)

    SC on Nishikant Dubey निशिकांत दुबे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब दुबे के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई संजीव खन्ना की गलत तरीके से आलोचना कर अवमानना की है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केस करने के लिए आपको अनुमति की जरूरत नहीं है।

    SC on Nishikant Dubey निशिकांत दूबे की मुश्किलें बढ़ीं। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई के खिलाफ टिप्पणी करने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। अब दुबे के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने की मांग की गई है, जिसपर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान आया है। 

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    सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

    अवमानना की कार्रवाई की मांग लेकर पहुंचे याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना की गलत तरीके से आलोचना कर अवमानना की है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केस करने के लिए आपको हमारी अनुमति की जरूरत नहीं है। 

    अटॉर्नी जनरल से मंजूरी लेने की जरूरत

    न्यायमूर्ति बी आर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ से वकील ने दुबे की टिप्पणियों के बारे में हाल ही में आई एक खबर का हवाला दिया और कहा कि वह अदालत की अनुमति से अवमानना ​​याचिका दायर करना चाहते हैं। न्यायमूर्ति गवई ने कहा, "आप इसे दायर करें। दायर करने के लिए आपको हमारी अनुमति की जरूरत नहीं है।" 

    पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को मामले में अटॉर्नी जनरल से मंजूरी लेने की जरूरत है। 

    दुबे ने CJI पर की थी विवादित टिप्पणी

    दुबे ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को कानून बनाना है तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने सीजेआई खन्ना पर भी कटाक्ष किया और उन्हें देश में 'गृह युद्धों' के लिए जिम्मेदार ठहराया। 

    क्या है मामला?

    दरअसल, दुबे की टिप्पणी केंद्र के न्यायालय को दिए गए आश्वासन के बाद आई है कि वह वक्फ (संशोधन) अधिनियम के कुछ विवादास्पद प्रावधानों को सुनवाई के अगले दिन तक लागू नहीं करेगा, क्योंकि न्यायालय ने उन पर सवाल उठाए थे।

    इसके बाद वक्फ अधिनियम मामले में एक वादी का प्रतिनिधित्व करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील अनस तनवीर ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी को पत्र लिखकर दुबे के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने की सहमति मांगी, क्योंकि उन्होंने शीर्ष न्यायालय की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी की थी।

    भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दी थी सफाई

    उधर, भाजपा ने शनिवार को दुबे की सर्वोच्च न्यायालय की आलोचना से खुद को अलग कर लिया, पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने टिप्पणियों को उनका निजी विचार बताया। नड्डा ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेताओं को ऐसी टिप्पणियां न करने का निर्देश दिया है।