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Nirbhaya Case: 31 जनवरी की दोपहर तक राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की तो टल जाएगी फांसी

निचली अदालत ने निर्भया कांड के चारों दोषियों को फांसी देने के लिए एक फरवरी की तिथि तय कर रखी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 03:03 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 07:32 AM (IST)
Nirbhaya Case: 31 जनवरी की दोपहर तक राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की तो टल जाएगी फांसी
Nirbhaya Case: 31 जनवरी की दोपहर तक राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की तो टल जाएगी फांसी

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। निर्भया के दोषियों में मुकेश को छोड़कर अब तक किसी ने भी राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर नहीं की है। जेल प्रशासन का कहना है कि शुक्रवार दिन में 12 बजे तक यदि दोषी राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल करते हैं तो उनकी फांसी याचिका के निपटारे तक टल सकती है। फिलहाल जेल प्रशासन फांसी को लेकर तैयारियों को पूरा करने में जुटा है।

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शवों के पोस्टमार्टम के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन ने लिखी दिल्ली सरकार को चिट्ठी

जेल सूत्रों का कहना है कि जेल प्रशासन की ओर से दिल्ली सरकार को चिट्ठी लिखी गई है, उसमें शवों के पोस्टमार्टम के लिए व्यवस्था का आग्रह किया गया है। नियम के अनुसार, फांसी पर लटकाने के बाद चिकित्सक दोषी को मृत घोषित करेगा और तब शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा।

तिहाड़ में नहीं है शव के पोस्टमार्टम की व्यवस्था

तिहाड़ में अभी शव के पोस्टमार्टम की व्यवस्था नहीं है। अभी तिहाड़ से लाए गए शव का पोस्टमार्टम हरिनगर स्थित डीडीयू अस्पताल में किया जाता है। उधर, मंगलवार को भी दोषियों से परिजनों ने आकर मुलाकात की।

सुप्रीम कोर्ट पूर्व फैसलों में कह चुका, माफी देने के अधिकार पर दिशा-निर्देश नहीं तय किए जा सकते

सुप्रीम कोर्ट कई पूर्व फैसलों में कह चुका है कि राष्ट्रपति और राज्यपाल के माफी देने के अधिकार पर कोई दिशा-निर्देश नहीं तय किए जा सकते। मेहता ने कहा कि मुकेश को कभी भी एकांत कारावास में नहीं रखा गया।

दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात को छात्रा से चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था

दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात पैरामेडिकल छात्रा से चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। उससे इस कदर दरिंदगी हुई थी कि बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से चारों अभियुक्तों मुकेश, पवन गुप्ता, अक्षय सिंह और विनय कुमार शर्मा को मृत्युदंड दिया जा चुका है। मुकेश की दया याचिका भी राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं।

निचली अदालत ने फांसी के लिए तय कर रखी है एक फरवरी की तारीख

हालांकि, बाकी के तीन दोषियों ने अभी तक राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल नहीं की है। निचली अदालत ने चारों दोषियों को फांसी देने के लिए एक फरवरी की तिथि तय कर रखी है। 


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