Nipah Virus: केरल में पांच और नमूनों का टेस्ट आया 'नेगेटिव', होम आइसोलेशन में 900 से अधिक लोग
केरल में निपाह वायरस (Nipah Virus Outbreak in Kerala) के मामले कम होते नजर आ रहे है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के कार्यालय ने अपने बयान में कहा कि पांच मरीजों से एकत्र किए गए नमूनों के नतीजे निपाह वायरस के लिए नेगेटिव आए हैं। बयान में आगे कहा गया कि अब तक नए मामले सामने नहीं आए हैं। 915 लोग अपने घरों में आइसोलेशन में हैं।

तिरुवनंतपुरम (केरल), ANI। केरल में बढ़ते निपाह वायरस के प्रकोप के बीच एक सकारात्मक खबर सामने आई है, जिसमें लैब टेस्ट के लिए भेजे गए पांच और नमूने नेगेटिव आए है। इसकी जानकारी केरल के स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय ने रविवार को एक बयान में दी।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के कार्यालय ने अपने बयान में कहा कि पांच मरीजों से एकत्र किए गए नमूनों के नतीजे निपाह वायरस के लिए 'नेगेटिव ' आए हैं। बयान में आगे कहा गया कि अब तक नए मामले सामने नहीं आए हैं। 915 लोग अपने घरों में आइसोलेशन में हैं।
केरल में 'वन हेल्थ' होगा शुरू
राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीना ने आज सुबह कोर कमेटी की बैठक में मौजूदा स्थिति का विश्लेषण किया है। इससे पहले एक प्रेस वार्ता में मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि हर जिले में 'वन हेल्थ' गतिविधियों को मजबूत करना शुरू कर दिया है। साथ ही लोगों को ट्रेनिंग देना भी शुरू कर दिया है।
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क्या है वन हेल्थ का मतलब?
'एक स्वास्थ्य' का मतलब बताते हुए वीना ने कहा कि सभी विभाग एक साथ आएंदे। हमने एक ऐसे संस्थान की स्थापना का भी निर्णय लिया है, जहां सभी विभागों का बेहतर समन्वय होगा। इसलिए, सामुदायिक निगरानी पूरे वर्ष रहेगी।' केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि राज्य कोझिकोड जिले में बार-बार पाए जाने वाले निपाह वायरस पर एक सेरोप्रवलेंस अध्ययन करेगा।
निपाह वायरस से अब तक 2 की मौत
जानकारी के लिए बता दें कि राज्य में अब तक निपाह वायरस के छह मामले सामने आए हैं, जिनमें से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि नौ साल के लड़के समेत चार अन्य का इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ ने अध्ययन किया और पाया कि केरल और भारत के आठ अन्य राज्यों में निपाह की संभावना है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, रोग के बोझ, संचरण के पैटर्न और संबंधित जोखिम कारकों को समझने के लिए संक्रमण और प्रतिरक्षा के अनुपात का अनुमान लगाने के लिए जनसंख्या-आधारित सर्पोप्रवलेंस सर्वेक्षण आयोजित किए जाते हैं।
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