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    एनआईओएस छात्रों के दाखिले पर यूजीसी-एआईसीटीई की सख्त चेतावनी, क्या है पूरा मामला?

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 05:33 PM (IST)

    यूजीसी और एआईसीटीई ने एनआईओएस से पढ़े छात्रों को दाखिला देने में आनाकानी करने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों को कड़ी चेतावनी दी है। एनआईओएस, सीबीएसई और आईसीएसई की तरह ही शिक्षा मंत्रालय से संबद्ध एक स्वायत्त बोर्ड है, और इसके प्रमाण पत्र पूरी तरह से मान्य हैं। कोलकाता के एक मामले के बाद यह निर्देश आया है। एआईसीटीई ने सभी संस्थानों को एनआईओएस के छात्रों को दाखिला देने का निर्देश दिया है, उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।

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    यूजीसी-एआईसीटीई की उच्च शिक्षण संस्थानों को चेतावनी

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग  (एनआइओएस) से पढ़े छात्रों को दाखिला देने में आनाकानी करने वाले इंजीनियरिंग सहित देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने कड़ी फटकार लगाई है। साथ ही कहा है कि वे एनआइओएस के दसवीं और बारहवीं पास करने वाले छात्रों को दाखिला देने से मना नहीं कर सकते है।

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    सीबीएसई, आइसीएसई की तरह शिक्षा मंत्रालय से संबद्ध यह भी एक स्वायत्त स्कूली बोर्ड है। इसके पाठ्यक्रम व प्रमाण पत्र पूरी तरह से प्रमाणिक और वैध है। यूजीसी और एआइसीटीई ने इंजीनियरिंग सहित देश भर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को यह निर्देश तब दिया है जब कोलकाता के एक इंजीनियरिंग संस्थान ने एक छात्र को सिर्फ इस आधार पर दाखिला देने से मना कर दिया था कि वह एनआइओएस से पढ़ कर आया है।

    यूजीसी-एआईसीटीई की एनआईओएस छात्रों पर सख्त चेतावनी

    छात्र ने संस्थान के इस रवैए के खिलाफ एआइसीटीई से शिकायत की और न्याय की मांग की। इसके बाद एआइसीटीई ने पूरे मामले की जांच के बाद संबंधित संस्थान को दाखिला देने का निर्देश दिया। साथ ही यूजीसी व एआइसीटीई ने देश भर के सभी इंजीनियर सहित उच्च शिक्षण संस्थानों को एनआइओएस से पढ़ने वाले छात्रों को दाखिला देने से मना न करने के निर्देश दिए।

    उल्लंघन करने पर होगी सख्त कार्रवाई

    एआइसीटीई ने संस्थानों को दिए निर्देश में साफ कहा है कि एनआइओएस से पास छात्रों को भी दूसरे स्कूल बोर्डों की तहत तय मापदंडों को पूरा करने पर दाखिला दिया जाए। एनआइओएस का सर्टिफिकेट सभी विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए मान्य है। यदि कोई उच्च शिक्षण संस्थान इसका पालन नहीं करेगा,तो इसे दिशा-निर्देशों का उल्लंघन माना जाएगा। गौरतलब है कि ओपन बोर्ड से हर साल करीब 16 लाख छात्र दसवीं और बारहवीं की परीक्षा पास करते है।