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    नाइजीरिया, अर्जेंटीना, फिलीपींस ने दिखाई तेजस विमान खरीदने में रुचि... स्वदेशी रूप से विकसित हल्का लड़ाकू विमान है Tejas

    सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने गुरुवार को कहा कि मानवयुक्त और मानवरहित सैन्य संसाधनों में समन्वय बनाना नई पीढ़ी के विमानों में कम्युनिकेशन और भविष्य के युद्धों के लिहाज से बेहद अहम होगा। भारत इस दिशा में अहम कदम उठा रहा है। नई दिल्ली में आयोजित हुए एविएशन एक्सपो 2023 में सीडीएस ने भविष्य की तकनीक को विकसित करने की जरूरत बताई ताकि सुरक्षा चुनौतियों से निपटा जा सके।

    By AgencyEdited By: Mohammad SameerUpdated: Fri, 08 Dec 2023 07:28 AM (IST)
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    स्वदेशी रूप से विकसित हल्का लड़ाकू विमान है Tejas

    पीटीआई, नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के साथ ही भारत के रक्षा उत्पादों की मांग अन्य देशों में बढ़ रही है। हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सीबी अनंतकृष्णन ने कहा कि नाइजीरिया, फिलीपींस, अर्जेंटीना और मिस्र ने स्वदेशी रूप से विकसित हल्के लड़ाकू विमान तेजस खरीदने में रुचि दिखाई है।

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    अनंतकृष्णन ने कहा कि खरीद के लिए इन देशों से बातचीत चल रही है। एचएएल प्रमुख से जब पूछा गया कि अगर वार्ता सफल हो जाती है, तो भारत अर्जेंटीना को तेजस की आपूर्ति कैसे कर पाएगा, क्योंकि विमान के कुछ कल-पुर्जे ब्रिटेन से मंगवाए गए हैं। इस पर अनंतकृष्णन ने कहा कि ऐसी सूरत में इसका रास्ता निकाला जाएगा।

    वर्ष 1982 के फाकलैंड युद्ध के बाद ब्रिटेन ने अर्जेंटीना को सैन्य साजो-सामान की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। खासकर ऐसे साजो-सामान पर, जो ब्रिटेन निर्मित हैं। ब्रिटिश प्रतिबंधों को देखते हुए, यह माना जाता है कि अर्जेंटीना को तेजस की आपूर्ति की सूरत में ब्रिटेन से प्राप्त होने वाले कल-पुर्जे की आपूर्ति भारत के लिए मुश्किल भरा हो सकता है।

    इस साल जुलाई में अर्जेंटीना के रक्षा मंत्री ने रक्षा औद्योगिक साझेदारी बढ़ाने के लिए भारत का दौरा किया था। एचएएल ने अर्जेंटीना की वायु सेना के साथ उसके दो-टन श्रेणी के हेलीकाप्टरों के पुर्जे और सेवाएं प्रदान करने के लिए एक समझौता किया था। पिछले कुछ वर्षों में भारत व फिलीपींस के रक्षा संबंध मजबूत हुए हैं। जनवरी में फिलीपींस ने ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों की खरीद के लिए भारत के साथ 37.50 करोड़ डालर का सौदा किया था।

    पीटीआई, नई दिल्ली। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने गुरुवार को कहा कि मानवयुक्त और मानवरहित सैन्य संसाधनों में समन्वय बनाना नई पीढ़ी के विमानों में कम्युनिकेशन और भविष्य के युद्धों के लिहाज से बेहद अहम होगा। भारत इस दिशा में अहम कदम उठा रहा है।

    नई दिल्ली में आयोजित हुए एविएशन एक्सपो 2023 में सीडीएस ने भविष्य की तकनीक को विकसित करने की जरूरत बताई ताकि सुरक्षा चुनौतियों से निपटा जा सके। जनरल चौहान ने कहा कि हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड नई एवियोनिक्स तकनीक और हार्डवेयर को लागू करने में अग्रणी भूमिका निभा रही है। हम बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं और यह सिर्फ भू-राजनीतिक बदलाव नहीं है बल्कि तकनीकी और आर्थिक बदलाव भी हैं। यह जरूरी है कि आधुनिक सेनाएं हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहें, साथ ही वह भविष्य की लड़ाई के लिए भी तैयारी करती रहें।

    सीडीएस ने कहा कि मानवयुक्त व मानवरहित संसाधनों में समन्वय भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों के लिहाज से अहम है। एक्सपो में भारतीय वायुसेना के डिप्टी चीफ एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित और एचएएल के चेयरमैन सीबी अनंतकृष्णन भी मौजूद रहें। सीडीएस ने कहा कि बदलावों के साथ कदमताल करने के लिए जरूरी है कि सैन्य और वैज्ञानिक समुदाय, डेवलेपर्स और एंटरप्रेन्योर्स अहम तकनीकी ट्रेंड्स की पहचान करें ताकि हम तकनीकी तौर पर आगे रह सकें।

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