बीजेपी सांसद पर हमले की जांच करेगी NIA, कलकत्ता हाईकोर्ट ने दी इजाजत
कलकत्ता हाईकोर्ट ने भाजपा सांसद खगेन मुर्मू पर हुए हमले की जांच NIA से कराने की याचिका मंजूर की। सांसद मुर्मू पर यह हमला उस समय हुआ जब वे जलपाईगुड़ी में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे थे। भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने भी केंद्रीय जांच की मांग की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने हमले की निंदा की, जिस पर ममता बनर्जी ने पलटवार किया।

NIA करेगी भाजपा सांसद खगेन मुर्मू हमले की जांच
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोलकाता हाईकोर्ट ने गुरुवार को भाजपा सांसद खगेन मुर्मू पर उत्तर बंगाल के नागराकाटा में हुए हमले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच की मांग वाली याचिका को स्वीकार कर लिया है।
भाजपा सांसद पर ये हमला इस हफ्ते के शुरुआत में उस समय हुआ था जब सांसद मुर्मू और भाजपा विधायक शंकर घोष जलपाईगुड़ी में बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने गये थे।
एनडीटीवी के मुताबिक बुधवार को बंगाल के भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने कहा कि वो इस मामले की केंद्रीय जांच एजेंसियों से जांच करवाने कि मांग करते हैं। साथ ही मजूमदार ने ये भी कहा था कि राज्य को जांच कि जिम्मेदारी लेनी चाहिए, लेकिन वो जानते हैं कि सरकार ऐसा नहीं करेगी।
हमें धक्का दिया, पीटा, हमारी गाड़ी पर पत्थर फेंके: मुर्मू
एनडीटीवी के अनुसार बीजेपी के आदिवासी नेता मुर्मू ने बताया कि उनके हमलावरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का हवाला देते हुए कहा, "हम दीदी के आदमी हैं।" उन्होंने कहा, "उन लोगों ने हम पर हमला किया... हमें धक्का दिया, पीटा, हमारी गाड़ी पर पत्थर फेंके।"
इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील सयान चट्टोपाध्याय ने कोर्ट में कहा कि चूंकि खगेन मुर्मू अनुसूचित जनजाति (ST) से आते हैं, इसलिए घटना की अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाए।
प्रधानमंत्री ने भी की हमले कि निंदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को इस मामले में बयान दिया। उन्होंने "राज्य में बेहद दयनीय कानून-व्यवस्था की स्थिति" की निंदा की और कहा, "बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों की सेवा करने वाले हमारे सहयोगियों पर बंगाल में जिस तरह से हमला किया गया, वह बेहद भयावह है।"
ममता बनर्जी ने किया पलटवार
प्रधानमंत्री के बयान के ठीक बाद ममता बनर्जी ने तुरंत पलटवार किया। प्रधानमंत्री पर बिना सबूत के आरोप लगाने कीबात करते हुए कहा, "किसी भी लोकतंत्र में, कानून को अपना काम करना चाहिए, और उचित प्रक्रिया ही दोषसिद्धि का निर्धारण कर सकती है..."
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