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टेरर फंडिंग के बड़े फाइनेंसरों पर NIA का शिकंजा कसा

एनआईए की रडार पर अब ऐसे कारोबारी हैं जो आईएसआई की मदद से अलगाववादियों और आतंकियों के लिए फंड जुटाने में लगे हैं।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 01 Aug 2017 10:55 PM (IST)Updated: Tue, 01 Aug 2017 11:00 PM (IST)
टेरर फंडिंग के बड़े फाइनेंसरों पर NIA का शिकंजा कसा
टेरर फंडिंग के बड़े फाइनेंसरों पर NIA का शिकंजा कसा

नई दिल्ली, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को मिलने वाली वित्तीय मदद को लेकर (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) एनआईए अब अपना शिकंजा कसती जा रही है। एनआईए आतंकियों को मिलने वाली मदद के हर रास्ते पर अपनी पैनी नजर रखे हुए हैं। इसकी रडार पर अब ऐसे कारोबारी हैं जो आईएसआई की मदद से अलगाववादियों और आतंकियों के लिए फंड जुटाने में लगे हैं।

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शीर्ष खुफिया अधिकारियों ने एक टीवी चैनल को बताया है कि घाटी में गड़बड़ी फैलाने वालों के कथित फाइनेंसरों की लिस्ट में टॉप पर जहूर वटाली का नाम है। वटाली श्रीनगर में बागात बरजला का रहने वाला है। कहा जाता है कि वटाली के नेताओं के साथ भी अच्छे संबंध हैं। वटाली का कारोबार कश्मीर से यूएई और यूरोप तक फैला हुआ है।

खुफिया अधिकारियों ने टीवी चैनल को दी जानकारी में बताया कि उन्हें वटाली की कंपनियों पर शक है। अधिकारियों ने अंदेशा जताया कि वटाली की कंपनियां मनी लॉन्ड़्रिंग और आतंकवाद को फंडिंग के लिए मुखौटे के तौर पर काम कर रही हैं।

टीवी चैनल के सूत्रों के मुताबिक महीनों तक वटाली के नई दिल्ली स्थित खाते में दुबई से हर महीने 2 लाख से 2.60 लाख रुपए तक की रकम आती रही। इस FCNRE खाते का नंबर 094-219xx7-007 था। खुफिया अधिकारियों के मुताबिक, वटाली के यूएई के बैंक में भी खाता था। इस काते से उसने 2011 में मार्च से दिसंबर तक 53.60 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे।

बताया जा रहा है कि एनआईए ने कश्मीर और दिल्ली में जिन ठिकानों पर छापे मारे, उनमें वटाली की संपत्तियां भी शामिल हैं। जांचकर्ता अब वटाली से आईएसआई से उसके कथित संबंधों को लेकर पूछताछ कर रहे हैं।

वटाली कभी अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन का ड्राइवर भी रह चुका है। ऐसा भी कहा जाता है कि वटाली की आईएसआई में गहरी पैठ है। अब एनआईए वटाली के सभी तरह के लेनदेनों को बारीकी से खंगाल रही है।

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