केरल में PFI सदस्यों की होगी जांच, कोर्ट ने एनआईए को दी मंजूरी; क्या है पूरा पूरा मामला?
दिल्ली की एक अदालत ने एनआईए को प्रोफेसर टीजे जोसेफ के हाथ काटने के मामले में पीएफआई कार्यकर्ता की जांच करने की अनुमति दी है। कार्यकर्ता पर मुख्य आरोपी को शरण देने का आरोप है। न्यायाधीश पीके मोहनदास ने एनआईए की याचिका पर यह अनुमति दी। प्रोफेसर जोसेफ पर 2010 में धार्मिक अपमान का आरोप लगाते हुए हमला किया गया था। एनआईए ने सवाद और शफीर सी को गिरफ्तार किया है, जिन पर शरण देने का आरोप है। अदालत ने अतिरिक्त जांच को मंजूरी दी।

केरल में PFI सदस्यों की होगी जांच। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक अदालत ने एनआइए को 2010 में प्रोफेसर टीजे जोसेफ के हाथ काटने के मामले में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के कार्यकर्ता की जांच करने की अनुमति दी है, जिसने मुख्य आरोपित को शरण देने का आरोप लगाया गया है।
विशेष अदालत के न्यायाधीश पीके मोहनदास ने 20 नवंबर को एजेंसी द्वारा दायर एक याचिका के बाद यह अनुमति दी। थोडुपुझा में प्रोफेसर जोसेफ में न्यूमैन कालेज पर एक समूह ने हमला किया था, जिसने जुलाई 2010 में तैयार किए गए एक प्रश्न पत्र में धार्मिक अपमान का आरोप लगाते हुए उनके दाहिने हाथ को काट दिया था। जिसे बाद में जांच एजेंसी ने अपने हाथ में लिया था।
इन तीन लोगों किया गया था गिरफ्तार
जोसेफ का हाथ काटने के आरोपित सवाद को जनवरी 2024 में बेराम, मट्टनूर, कन्नूर से गिरफ्तार किया गया। एनआइए ने शफीर सी को भी गिरफ्तार किया, जिसने 2020 से कन्नूर में चक्कड़ और मट्टनूर में सवाद को शरण और अन्य लाजिस्टिक सहायता प्रदान की थी।
याचिका में एनआइए ने कहा कि सवाद ने बताया किया कि पीएफआइ के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उसे तमिलनाडु के पांड्रमलाई, दिंडीगुल में शरण और रोजगार दिलाने में मदद की और बाद में कन्नूर में भी। अदालत ने एनआइए और आरोपितों के वकील की सुनवाई के बाद अतिरिक्त जांच के लिए मंजूरी दी।

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