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    छोटे रेस्तरां और ठेलों पर इस्तेमाल किया जा रहा तेल दे रहा कैंसर और हार्ट अटैक को दावत, NHRC ने लिया संज्ञान

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 06:04 AM (IST)

    राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने देश में खाद्य तेल के बार-बार उपयोग की गंभीर समस्या पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय ख ...और पढ़ें

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    खाद्य तेल के दोबारा इस्तेमाल की शिकायतों पर एनएचआरसी ने लिया संज्ञान (फोटो- वीडियो ग्रैब)

    पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने देश में खाद्य तेल के बार-बार उपयोग की गंभीर समस्या पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) को नोटिस जारी किया है।

    आयोग ने इस मामले को सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा मानवाधिकार उल्लंघन करार देते हुए दो सप्ताह के भीतर राज्यवार जांच रिपोर्ट और कार्रवाई विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

    छोटे होटलों, ढाबों और सड़क किनारे तेल का बार-बार होता है उपयोग

    भोपाल स्थित सामाजिक संस्था, सार्थक सामुदायिक विकास एवं जन कल्याण संस्था, के संस्थापक ने आयोग से शिकायत में कहा है कि छोटे होटलों, ढाबों और सड़क किनारे के खाद्य विक्रेताओं द्वारा उपयोग किए गए तेल को बार-बार गर्म करके भोजन बनाने में इस्तेमाल किया जाता है या पुन: बेचा जाता है। इससे कैंसर, हृदय रोग और लीवर संबंधी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

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    एनएचआरसी के सदस्य प्रियांक कानूनगो की अध्यक्षता वाली पीठ ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के तहत इसका संज्ञान लिया है। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि उपयोग किया हुआ तेल यदि ठीक से नष्ट नहीं किया जाता, तो वह पानी और मिट्टी को प्रदूषित करता है, जिससे पर्यावरणीय खतरा उत्पन्न होता है।

    एनएचआरसी ने इसे मानवाधिकारों के दायरे में गंभीर मुद्दा मानते हुए कहा है कि नागरिकों को सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है।

    आयोग ने एफएसएसएआइ और स्वास्थ्य मंत्रालय से पूछा है कि आरयूसीओ - रीपर्पज यूज्ड कुकिंग ऑयल अभियान और बायो-डीजल नीति के बावजूद जमीन पर प्रभावी क्रियान्वयन क्यों नहीं हो पा रहा है।

    आयोग ने निर्देश दिया है कि नियमों को कड़ाई से लागू करने, तेल शोधन केंद्र स्थापित करने और नागरिकों को जागरूक करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।