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    NHAI 124 सड़क परियोजनाओं के लिए लगाएगी बोली, चालू वित्त वर्ष में 3.4 लाख करोड़ रुपये होंगे खर्च

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Fri, 11 Jul 2025 11:30 PM (IST)

    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने कहा है कि उसकी वित्त वर्ष 2025-26 में 3.4 लाख करोड़ रुपये की 124 राजमार्गों और एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के लिए बोली लगाने की योजना है। एनएचएआइ द्वारा बोली के लिए उठाए जाने वाले राजमार्गों की कुल लंबाई 6376 किमी है। हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल (एचएएम) पर रखरखाव सहित परियोजनाओं के लिए रियायत अवधि 15 वर्ष है।

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    NHAI 124 सड़क परियोजनाओं के लिए लगाएगी बोली (सांकेतिक तस्वीर)

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने कहा है कि उसकी वित्त वर्ष 2025-26 में 3.4 लाख करोड़ रुपये की 124 राजमार्गों और एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के लिए बोली लगाने की योजना है।

    राजमार्गों की कुल लंबाई 6,376 किमी है

    एनएचएआइ द्वारा बोली के लिए उठाए जाने वाले राजमार्गों की कुल लंबाई 6,376 किमी है। इसमें गोरखपुर-किशनगंज-सिलीगुड़ी 476 किमी परियोजना को एनएचएआइ द्वारा हाइब्रिड एन्युइटी माडल (एचएएम) मोड के तहत बोलियों के लिए लिया जाएगा, जबकि थराड-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद 106 किमी परियोजना को बिल्ड आपरेट एंड ट्रांसफर (बीओटी) मॉडल के तहत बोलियों के लिए लिया जाएगा।

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    एनएचएआइ ने कहा कि सर्विस रोड, ग्रेड सेपरेटेड स्ट्रक्चर के निर्माण द्वारा 48 किमी एनएच-44 के पंपोर (श्रीनगर) से काजीगुंड खंड की क्षमता वृद्धि को इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) माडल के तहत बोलियों के लिए लिया जाएगा।

    राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं इस तरह क्रियान्वित की जाती हैं

    राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं मुख्यत: तीन तरीकों से क्रियान्वित की जाती हैं , जिसमें निर्माण, संचालन और हस्तांतरण (बीओटी), हाइब्रिड एन्युइटी माडल (एचएएम) और इंजीनियरिंग खरीद एवं निर्माण (ईपीसी) शामिल है।

    निर्माण, संचालन और हस्तांतरण (बीओटी) पर रखरखाव सहित परियोजनाओं के लिए रियायत अवधि 15 से 20 वर्ष और हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल (एचएएम) पर रखरखाव सहित परियोजनाओं के लिए रियायत अवधि 15 वर्ष है।

     राष्ट्रीय राजमार्ग खंडों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार

    रियायतग्राही परियोजना की रियायत अवधि के भीतर संबंधित राष्ट्रीय राजमार्ग खंडों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार होता है। ईपीसी परियोजनाओं के मामले में फुटपाथ कार्यों के लिए दोष दायित्व अवधि पांच वर्ष और कंक्रीट फुटपाथ कार्यों के लिए 10 वर्ष है।