'विकसित भारत के लक्ष्य को नई गति प्रदान करेंगे', नए लेबर कोड लागू होने पर बोले श्रम मंत्री मनसुख मांडविया
श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि नए लेबर कोड श्रमिकों के कल्याण के लिए ऐतिहासिक निर्णय है, जो विकसित भारत के लक्ष्य को गति देगा। इससे कामगारों को न्यूनतम वेतन, नियुक्ति पत्र और सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। कई श्रम संगठनों के विरोध के बावजूद, सरकार का कहना है कि वह श्रमिकों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है और राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है।

मनसुख मांडविया। (फाइल)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि शुक्रवार से देश में लागू नए लेबर कोड सिर्फ सुधार नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा श्रमवीरों के कल्याण के लिए लिया गया ऐतिहासिक निर्णय है। ये सुधार आत्मनिर्भर और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को नई गति प्रदान करेंगे।
मांडविया ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि नए लेबर कोड लागू होने से कामगारों को न्यूनतम वेतन, नियुक्ति पत्र, महिलाओं को समान वेतन और सम्मान, 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी मिलेगी। साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक श्रमिकों को सामाजिक न्याय के साथ मोदी सरकार की हर श्रमिक के सम्मान की गारंटी मिलेगी।
पांच वर्ष तक लेबर कोड लागू नहीं होने की प्रमुख वजह
छह वामपंथी ट्रेड यूनियन, कांग्रेस की इंटक समेत सभी श्रम संगठन इन्हें कर्मचारी हितों के विरुद्ध बताकर विरोध करते रहे हैं। आरएसएस की श्रम इकाई भारतीय मजदूर संघ की भी कुछ आपत्तियां रही हैं। हालांकि सरकार का कहना है कि वह चर्चा कर लचीला रुख अपना रही।
कई राज्य इनका विरोध करते रहे हैं जिनमें से अधिकांश विपक्षी आइएनडीआइए शासित हैं। जबकि श्रम मंत्रालय का कहना है कि इनमें से अधिकांश राज्यों ने अपने यहां लेबर कोड के अनुरूप श्रम सुधार लागू कर लिए हैं पर वे केंद्रीय श्रम सुधारों में अड़चन लगा रहे हैं।
इसकी वजह से राज्यों में स्थापित केंद्र सरकार की उत्पादन इकाइयों पर केंद्रीय लेबर कोड लागू नहीं हो पा रहा था क्योंकि संविधान के तहत श्रम मामले राज्य और केंद्र दोनों (समवर्ती सूची) के अधीन आते हैं। - इसके मद्देनजर ही लेबर कोड बनाने में जनता और हितधारकों को शामिल कर श्रम मंत्रालय ने वर्षों तक गहराई से विचार-विमर्श किया। इसके बाद अब इसे लागू करने का कदम उठाया गया है।

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