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    Intelligence Bureau: बेहतरीन जासूस हैं खुफिया ब्यूरो के नए निदेशक तपन कुमार डेका, कई बड़े मिशन में रहे शामिल

    By TilakrajEdited By:
    Updated: Sat, 25 Jun 2022 09:07 AM (IST)

    असम के तेजपुर के रहने वाले तपन कुमार डेका 1988 बैच के हिमाचल के कैडर से आइपीएस अफसर हैं। डेका को आतंकवाद से निपटने का दशकों का अनुभव है। जब आइएम देश म ...और पढ़ें

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    बेहरतीन जासूस के रूप में जाने जाते हैं डेका

    नई दिल्ली, नेशनल डेस्क। देश के नए डायरेक्‍टर ऑफ इंटेलिजेंस ब्‍यूरो तपन कुमार डेका होंगे। नए आइबी प्रमुख तपन कुमार डेका के लिए दायित्व नया है, लेकिन कार्यस्थल पुराना ही है। वह अभी तक आइबी के संचालन विंग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वह एनएसए चीफ अजित डोभाल के करीबी माने जाते हैं। हिमाचल प्रदेश कैडर के 1988 बैच के आइपीएस तपन कुमार डेका सरकार के हर बड़े मिशन से जुड़े रहे। चाहे वह कश्मीर हो या फिर सीएए। उन्होंने पिछले साल 24 जून को इंटेलिजेंस ब्यूरो में स्पेशल डायरेक्टर का पद संभाला था। एक साल के भीतर ही उन्हें यह पदोन्नति मिल गई। वर्ष 2006 से 2012 तक वह नेशनल एंटी टेरर विंग और आल एंटी टेरर आपरेशन के प्रमुख भी रहे।

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    आइबी के आपरेशन डिवीजन को संभालने वाले डेका को आतंकवाद से निपटने का दशकों का अनुभव है। जब इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) देश में अपनी तोड़फोड़ गतिविधियों के चरम पर था, तब वह आपरेशन के संयुक्त निदेशक थे। वर्ष 2012 में नेपाल से यासीन भटकल की गिरफ्तारी और उसके बाद तहसीन अख्तर की गिरफ्तारी के बाद से उन्होंने इंडियन मुजाहिदीन को व्यवहारिक रूप से अक्षम बना दिया था।

    पिछले साल भेजे गए थे कश्मीर

    तपन डेका में आंतकवादी निरोधी समिति के प्रमुख के रूप में भी काम किया है। आतंक के खिलाफ लड़ाई में उनकी बड़ी भूमिका रही है, जिसे देखते हुए तपन डेका को वर्ष 2021 में कश्मीर में नई चुनौती से जीतने का काम सौंपा गया है। खासतौर पर जब घाटी पर टारगेट किलिंग का दौर चल रहा था। उन्होंने सीएए के मामले को संभालने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी।

    बेहतरीन जासूस के रूप में जाने जाते हैं डेका

    असम के तेजपुर के रहने वाले तपन कुमार डेका, 1988 बैच के हिमाचल के कैडर से आइपीएस अफसर हैं। उनकी पहचान भारत के बेहतरीन जासूसों के रूप में होती है। बताया जाता है कि वर्ष 2012-15 के बीच वह कई देशों में भारत के लिए स्पाई के रूप में काम करते रहे। अफसर बनने से पहले तपन डेका आल असम स्टूडेंट यूनियन (आसू) के प्रमुख नेताओं में थे। उन्होंने असम आंदोलन में बड़ी और निर्णायक भूमिका निभाई थी।