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    NHAI: हाईवे और एक्सप्रेस वे में नियमों का उल्लंघन रोकेंगे नए कैमरे, 14 तरह के मामलों की पहचान करने में समर्थ होगी नई प्रणाली

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Tue, 17 Oct 2023 09:21 PM (IST)

    सड़क दुर्घटनाओं में कहीं कोई कमी न आने के बाद एनएचएआइ ने सड़क सुरक्षा के लिए अहम डिजिटल इन्फोर्समेंट की तरफ कदम बढ़ाया है। एटीएमएस को और अधिक अपग्रेड करते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस वे में नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए नई वीडियो प्रणाली अपनाई जाएगी। यह प्रणाली 14 उल्लंघनों की पहचान करने में समर्थ है जिसमें गलत लेन में ड्राइविंग क्रासिंग में अतिक्रमण शामिल हैं।

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    एटीएमएस को अपग्रेड किया जाएगा, वीडियो इन्फोर्समेंट पर दिया जाएगा जोर।

    मनीष तिवारी, नई दिल्ली। तमाम प्रयासों और दावों के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं में कहीं कोई कमी न आने के बाद एनएचएआइ ने सड़क सुरक्षा के लिए अहम डिजिटल इन्फोर्समेंट की तरफ कदम बढ़ाया है। एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) को और अधिक अपग्रेड करते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस वे में नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए नई वीडियो प्रणाली अपनाई जाएगी।

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    नेशनल हाई वे पर लगाया जाएगा वीआइडीईएस सिस्टम

    इसके तहत वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम (वीआइडीएस) कैमरे की जगह वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन एंड इन्फोर्समेंट सिस्टम (वीआइडीईएस) लगाया जाएगा। इसका मकसद दोपहिया वाहनों में तीन सवारियों के साथ ही हेलमेट और सीट बेल्ट के उल्लंघन के मामलों को सख्ती से रोकना है।

    यह प्रणाली 14 अलग-अलग उल्लंघनों की पहचान करने में समर्थ है, जिसमें गलत लेन या दिशा में ड्राइविंग, हाईवे में पशुओं की मौजूदगी पैदल यात्रियों के लिए क्रासिंग में अतिक्रमण आदि शामिल हैं। केवल हेलमेट या सीट बेल्ट न लगाने के कारण ही हर साल पांच से दस हजार लोगों की जान जाती है, जबकि सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या लगभग डेढ़ लाख के आसपास होती है।

    एनएचएआइ के अनुसार वीआइडीईएस प्रणाली के जरिये नियमों के उल्लंघन की जो जानकारी मिलेगी, उसकी मदद से रूट पैट्रोल वाहन या एंबुलेंस को अलर्ट किया जाएगा और इसके साथ ही ई चालान भी जनरेट होगा। ये अलर्ट आसपास के सभी मैसेज बोर्ड पर भी भेजे जाएंगे या फिर राजमार्ग यात्रा एप के माध्यम से इसका अलर्ट भेजा जाएगा।

    इस प्रणाली से ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र को कवर किया जा सके, इसके लिए इन कैमरों को हाईवे में हर दस किलोमीटर के दायरे में लगाया जाएगा। इसके साथ ही हर सौ किमी के अंतर पर एक स्टेट ऑफ द आर्ट कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी होगा, जहां सभी कैमरों के फीड का एक साथ विश्लेषण किया जाएगा।

    सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया कदम

    सड़क सुरक्षा की सबसे बड़ी कमी मानी जाने वाली बेहिसाब रफ्तार पर नियंत्रण के लिए भी नई प्रणाली में व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत वेहिकल स्पीड डिटेक्शन सिस्टम (वीएसडीएस) को भी वीआइडीईएस से जोड़ा जा रहा है। यह पूरा सिस्टम आटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान प्रणाली से भी जुड़ जाएगा।

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    हाईवे और एक्सप्रेस वे पर नियमों के उल्लंघन को लेकर सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ लोगों में जागरूकता और नियमों के पालन के प्रति संस्कृति विकसित करने के साथ ही लंबे समय से सख्त इन्फोर्समेंट प्रणाली पर जोर देते रहे हैं।

    सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ और हाईवे-एक्सप्रेस वे पर कामकाज के लिए पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग कराने वाले रोहित बलूजा के अनुसार पुलिस से अलग एक इन्फोर्समेंट विंग के बिना हालात बदलना मुश्किल है। उनका कहना है कि विशेषज्ञता वाला यह काम अलग कौशल की मांग करता है।

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