नीट-पीजी के आंसर-की जारी करने की नीति बताए एनबीई, सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) को नीट-पीजी परीक्षा की आंसर-की जारी करने की नीति स्पष्ट करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता ने आंसर-की जारी न करने को चुनौती दी थी, जिससे उम्मीदवारों को मूल्यांकन का मौका नहीं मिलता। अदालत ने पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए आंसर-की को महत्वपूर्ण बताया और एनबीई से दो सप्ताह में जवाब मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट। (पीटीआई)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) को नीट-पीजी की उत्तर कुंजी प्रकाशित करने की अपनी नीति की जानकारी देने का निर्देश दिया। जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस विपुल पंचोली की खंडपीठ ने एनबीई के वकील से हलफनामा दायर कर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट)-स्नातकोत्तर (पीजी) से संबंधित विभिन्न मुद्दों को उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।
सुनवाई के दौरान, एनबीई के वकील ने कहा कि ये याचिकाएं कोचिंग संस्थानों द्वारा दायर की जा रही हैं, क्योंकि वे उत्तर कुंजी हासिल करना चाहते हैं। वकील ने तर्क दिया कि इससे परीक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा।
इससे पहले 26 सितंबर को जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने नीट-पीजी 2025 की उत्तर कुंजी प्रकाशित करने की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र और राष्ट्रीय चिकित्सा परीक्षा बोर्ड को नोटिस जारी किए थे।
न्यायालय उत्तर कुंजी के प्रकाशन सहित एनईईटी-पीजी में पारदर्शिता बढ़ाने के उपायों की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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