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    NEET UG 2024: SC ने मांगी बिहार पुलिस की जांच रिपोर्ट, केंद्र को दिए निर्देश; NTA और सरकार से पूछे ये सवाल

    NEET UG Supreme Court Hearing सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के मामले पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह मामले में बिहार पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट भी पेश करे। साथ ही कोर्ट ने सरकार और एनटीए से परीक्षा से जुड़ी कई जानकारियां मांगी।

    By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Thu, 18 Jul 2024 11:49 PM (IST)
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    नीट पेपर लीक मामले में अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। (File Image)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नीट-यूजी मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह सीबीआई की जांच रिपोर्ट सौंपने से पहले बिहार पुलिस और बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (इकोनोमिक अफेंस विंग) द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट और सामग्री भी शीर्ष कोर्ट में पेश करे। अदालत ने कहा है कि ये सामग्री शनिवार को शाम पांच बजे तक कोर्ट में दाखिल कर दी जाए।

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    बता दें कि नीट पेपर लीक मामले में अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। फिलहाल मामले की जांच सीबीआई के हाथ में है। इस प्रकरण में आए दिन नए राज खुल रहे हैं। सीबीआई द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जांच की स्थिति रिपोर्ट में परीक्षा का प्रश्नपत्र हल करने में मदद और लाभ पाने के लिए छात्रों के अभिभावकों द्वारा लाखों रुपये के पोस्ट डेटेड चेक दिए जाने की बात पर कोर्ट ने आश्चर्य जताता। हालांकि कुल राशि और ज्यादा ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया।

    400 करोड़ रुपये एकत्र हुए 300 करोड़ खर्च

    सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से नीट-यूजी के लिए छात्रों से एकत्र किए जाने वाले शुल्क के बारे में भी पूछा। जिस पर कोर्ट को बताया गया कि सामान्य श्रेणी के एक छात्र से 1,700 रुपये परीक्षा शुल्क लिया गया। जब कोर्ट ने कुल एकत्रित राशि के बारे में सवाल किया तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि कुल करीब 400 करोड़ रुपये एकत्र हुए थे, जिसमें से करीब 300 करोड़ खर्च हुए हैं। इस जानकारी पर कोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि इसके बावजूद परीक्षा के प्रश्नपत्र प्राइवेट कोरियर कंपनी से भिजवाए गए।

    पूछा- कितने छात्रों ने बदला केंद्र और भाषा का विकल्प

    कोर्ट ने एनटीए से सवाल किया कि ऐसे कितने छात्र थे, जिन्होंने त्रुटि सुधार विंडो का इस्तेमाल करके अपना परीक्षा केंद्र और भाषा का विकल्प बदला था। इनमें से कितने ऐसे थे, जोकि 1,08,000 (एक लाख आठ हजार) की मेरिट में आए हैं, जिन्हें मेडिकल कोर्सों में एडमिशन मिल सकता है। यह भी पूछा कि कितने छात्र ऐसे थे, जिन्होंने ने दो दिनों के लिए दोबारा आवेदन के लिए खोली गई विंडो का इस्तेमाल करके आवेदन किया और उसमें से कितने उपरोक्त मेरिट में स्थान पाए हैं।

    याचिकाकर्ता छात्रों ने कहा- कोर्स घटा नहीं, बढ़ा है

    नीट-यूजी में अभ्यर्थियों के ज्यादा अंक अर्जित करने के पीछे एनटीए द्वारा परीक्षा सिलेबस कम होने की दी जा रही दलीलों का छात्रों के वकील ने कोर्ट में विरोध किया। कहा- 'सिलेबस घटा नहीं, बल्कि बढ़ा है।' दोबारा पीरक्षा की मांग कर रहे वकील ने कहा कि फिजिक्स, कैमेस्टी और बॉयोलाजी के कुल 18 टॉपिक सिलेबस में बढ़ाए गए हैं।