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NEET-PG 2022: नीट-पीजी परीक्षा में शामिल हुए एक लाख 82 हजार से अधिक उम्मीदवार, जानें कब आएगा रिजल्ट

NEET-PG 2022 परीक्षा शनिवार को सभी केंद्रों पर सुचारू रूप से संपन्न हुई है। इस परीक्षा में कुल एक लाख 82 हजार 318 उम्मीदवार शामिल हुए। सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद परीक्षा का आयोजन किया गया।

By Achyut KumarEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 07:22 AM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 07:49 AM (IST)
NEET-PG 2022: नीट-पीजी परीक्षा में शामिल हुए एक लाख 82 हजार से अधिक उम्मीदवार, जानें कब आएगा रिजल्ट
21 मई को नीट पीजी 2022 का आयोजन (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद नीट-पीजी 2022 (NEET-PG 2022) परीक्षा शनिवार यानी 21 मई को 267 शहरों के 849 केंद्रों पर सुचारू रूप से सम्पन्न हुई। परीक्षा में कुल 2 लाख 06 हजार 301 उम्मीदवार उपस्थित होने वाले थे, लेकिन 1 लाख 82 हजार 318 उम्मीदवार ही उपस्थित हुए। परीक्षा में 200 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे गए थे। सभी प्रश्न अंग्रेजी में थे। परीक्षा सुबह 9 बजे से 12:30 बजे तक आयोजित की गई थी।

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पिछले साल 93 प्रतिशत उम्मीदवार हुए थे शामिल

पिछले साल NEET-PG 2021 में कुल 1 लाख 77 हजार 415 उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था और लगभग 93 प्रतिशत उम्मीदवार उपस्थित हुए थे। 

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, NBEMS द्वारा नियुक्त 1,800 से अधिक स्वतंत्र संकाय ने परीक्षा केंद्र पर परीक्षा के संचालन का मूल्यांकन किया। NEET PG 2022 परीक्षा समाप्त होने के बाद परिणामों को तैयार करने में एक महीने से अधिक का समय लगता है। वहीं रिजल्ट तैयार होने के बाद आधिकारिक वेबसाइट - nbe.edu.in पर जारी किए जाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी को स्थगित करने से किया था इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में NEET PG 2022 को स्थगित करने से इनकार कर दिया था। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और सूर्य कांत की पीठ ने मेडिकल उम्मीदवारों की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि NEET PG को स्थगित करने से अनिश्चितता पैदा होगी और परीक्षा के लिए पंजीकरण कराने वाले छात्रों के बड़े वर्ग को प्रभावित होंगे। इसके साथ ही परीक्षा में देरी से डॉक्टरों की अनुपलब्धता होगी और यह रोगी देखभाल को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा।

'दो लाख से अधिक डॉक्टरों का करियर होगा प्रभावित'

बता दें कि पूर्व में मामले की सुनवाई कर रही खण्डपीठ ने केंद्र सरकार की दलील से सहमति जताई थी कि पहले से ही अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों की कमी है क्योंकि इस साल पीजी डॉक्टरों के 2 बैच थे। खण्डपीठ ने कहा था कि किसी भी राहत से मरीजों की देखभाल और डॉक्टरों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा। यह उन 2.06 लाख डॉक्टरों के करियर को भी प्रभावित करेगा, जिन्होंने इस साल नीट-पीजी 2022 के लिए पंजीकरण कराया है।

दरअसल, देश के मेडिकल उम्मीदवार लंबे समय से पीजी परीक्षा को टालने की मांग कर रहे थे लेकिन देश की सर्वोच्च न्यायालय ने इस याचिका को खारिज कर दिया था।


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