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'भगवान की रसोई' में कैसे पहुंचा बीफ-पोर्क और फिश ऑयल; तिरुपति लड्डू विवाद में अब तक क्‍या-क्‍या हुआ?

तिरुपति के प्रसाद में इस्तेमाल घी में जानवरों की चर्बी होने का दावा करने वाली गुजरात लैब की रिपोर्ट सामने आने पर आंध्र प्रदेश की राजनीति गरमा गई। सीएम नायडू ने वाईएसआर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। साथ ही इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़ा। वहीं वाईएसआरसीपी ने इन आरोपों को सिरे से नकराते हुए हाईकोर्ट का रुख किया है।  यहां पढ़िए तिरुपति लड्डू विवाद पर ए टू जेड... 

By Deepti Mishra Edited By: Deepti Mishra Updated: Fri, 20 Sep 2024 07:30 PM (IST)
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Tirupati Laddoos Row: तिरुपति लड्डू विवाद कैसे शुरूहुआ, किसने क्या कहा और क्‍या है घी की सच्चाई। जागरण ग्राफिक्‍स टीम

डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री चंद्रबाबू नायडु की पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने दावा किया कि पिछली सरकार के कार्यकाल में प्रसाद में जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल मिलाया जाता था।

टीडीपी ने ये आरोप एक लैब रिपोर्ट के हवाले से लगाए हैं। वहीं वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने पूरे विवाद पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और नायडू के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाने की मांग की है। हाईकोर्ट में इस पर 25 सितंबर को सुनवाई होगी।

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने मंदिर प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। घी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए चार सदस्यों की विशेष समिति बना दी है।

गुजरात लैब की रिपोर्ट में क्या दावा किया गया?

टीडीपी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी के मुताबिक, गुजरात स्थित राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की लैब 'सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइव स्टॉक एंड फूड' या CALF को 9 जुलाई को सैंपल भेजे गए थे।

इसकी रिपोर्ट 17 जुलाई को आई, जिसमें दावा किया गया कि तिरुपति के लड्डू प्रसाद को बनाने के लिए जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल मिलाया जाता है।

बता दें कि टीडीपी के नेता जिस रिपोर्ट के आधार ये आरोप लगा रहे हैं, वह रिपोर्ट 17 जुलाई सार्वजनिक है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। इस रिपोर्ट में न तो किस सैंपल की जांच हुई, इसका जिक्र है और न ही रिपोर्ट जारी करने वाली संस्था का नाम लिखा है।

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तिरुपति लड्डू विवाद: कौन क्या कह रहा है?

रिपोर्ट पर क्‍या बोले सीएम नायडू?

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ''लैब से रिपोर्ट आई है, उससे स्‍पष्‍ट हो गया है कि प्रसाद में अपवित्र वस्तुओं की मिलावट की बात सामने आई है। भगवान तिरुपति का प्रसादम बनाने में घटिया सामग्री का इस्‍तेमाल किया गया। घी के बजाय जानवरों की चर्बी का उपयोग किया गया।''

सीएम ने कहा कि इस भ्रष्‍टाचार में शामिल किसी भी व्‍यक्ति को बख्‍शा नहीं जाएगा। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। कुछ को काम से हटा दिया है तो कुछ के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो चुकी है।

उप-मुख्यमंत्री पवन कल्याण क्या बोले...

नायडू के राज्‍य में सहयोगी दल जन सेना पार्टी ने के नेता व आंध्र प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री पवन कल्याण वाईएसआरसीपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद में जानवर की चर्बी (फिश ऑयल, पोर्क और बीफ फैट) मिलाए जाने की पुष्टि से हम बहुत परेशान हैं।

इसके लिए वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार की और से गठित टीटीडी बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे। सनातन धर्म को अपमानित करने के लिए किसी को बख्‍शा नहीं जाएगा।

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नायडू के बेटे व आईटी मंत्री नारा लोकेश ने क्या कहा

चंद्रबाबू नायडू के बेटे और आंध्र के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी आरोप लगाए। उन्होंने कहा, ''पिछली सरकार ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने टीटीडी को सिर्फ अपने कल्याण के माध्‍यम बना रखा था। अगर भगवान के नाम का दुरुपयोग होगा तो यह विनाश लाएगा।''

आगे कहा कि हम पिछली सरकार की गलतियां सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। सीएम चंद्रबाबू नायडू ने प्रसाद की गुणवत्ता को बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि भगवान वेंकटेश्वर की पवित्रता की रक्षा करें।

कांग्रेस नेता और जगन की बहन ने की CBI जांच की मांग

आंध्र प्रदेश में कांग्रेसी नेता वाईएस शर्मिला ने कहा, ''तिरुपति लड्डू को लेकर टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी दोनों राजनीति कर रही हैं। उन्होंने हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। नायडू की की टिप्पणी परेशान करने वाली है। सीएम नायडू के आरोपों में कोई राजनीतिक पहलू नहीं है और राजनीति करने का इरादा नहीं है तो उच्‍च स्‍तरीय समिति बनाएं या सीबीआई जांच कराएं। कांग्रेस आपसे सच्चाई पता लगाने की मांग करती है।''

बता दें कि कांग्रेस नेता वाईएस शर्मिला पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं। हालांकि, भाई-बहन के बीच तनावपूर्ण संबंध हैं।

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भाजपा सांसद लक्ष्मण ने क्या कहा?

भाजपा सांसद के लक्ष्मण ने कहा, ''तिरुपति लड्डुओं में जानवर की चर्बी का इस्तेमाल होना दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्‍य ही नहीं, पूरा हिंदू समाज इस घटना की निंदा कर रहा है। हम चंद्रबाबू नायडू सरकार से इस निंदनीय कृत्य में शामिल सभी जिम्मेदार सदस्य व अधिकारियों करने की अपील करते हैं।''

राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा

जांच रिपोर्ट में साफ हो गया है कि प्रसाद में मछली का तेल मिलाया गया था। यह पूरी तरह से एक साजिश है और सनातन धर्म पर हमला है। इस पूरे मामले में जो भी दोषी पाया जाए, उसे सजा मिलनी चाहिए।

तेलंगाना के भाजपा विधायक टी. राजा ने कहा

लड्डू के लिए मिलावट वाला घी भेजना हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत पर सीधा हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।

वाईएसआरसीपी के नेता क्या बोले?

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के अध्यक्ष रहे वाई वी सुब्बारेड्डी ने नायडू के आरोपों को पूरी तरह गलत और बेबुनियाद बताया है।

सुब्बारेड्डी ने कहा कि प्रसादम में जो भी घी और सामग्री का इस्तेमाल हुआ, वो पूरी तरह शुद्ध और ऑर्गेनिक है। नायडू ने लोगों को गुमराह करने के लिए ये आरोप लगाए हैं।उन्होंने तिरुमला मंदिर की पवित्रता और शुद्धता को नुकसान पहुंचाया है। हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाकर पाप किया है। कोई भी व्‍यक्ति ऐसे आरोप नहीं लगा सकता है।

सुब्बारेड्डी ने आगे कहा कि एक बार फिर साफ हो गया कि नायडू अपनी राजनीति चमकाने से नहीं हिचकेंगे। प्रसादम को लेकर मैं और मेरा परिवार ईश्वर की कसम खाने के लिए तैयार हैं। क्या चंद्रबाबू नायडू अपने परिवार के साथ कसम खाकर ये बात कह पाएंगे?

तिरुपति में हर दिन बनते हैं 3.50 लाख लड्डू

आंध्र प्रदेश का तिरुपति मंदिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय और अमीर धर्मस्थलों में से माना जाता है। यहां हर दिन 70 हजार से ज्‍यादा वक्‍त भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं। तिरुपति मंदिर की प्रशासनिक व्यवस्था तिरुपति तिरुमला देवस्थानम (TTD) संभालता है।

मंदिर परिसर में 300 साल पुरानी एक किचन पोटू है, जिसमें हर रोज शुद्ध देसी घी के 3.50 लाख लड्डू बनते हैं। शुद्ध बेसन, बूंदी, चीनी, काजू और शुद्ध घी से बना यह लड्डू तिरुपति मंदिर का मुख्य प्रसाद है।

इस प्रसाद को 200 ब्राह्मण बनाते हैं। प्रसाद को बनाने के लिए मंदिर हर साल करीब 5 लाख किलो और हर महीने 42000 किलो घी खरीदता है। यह घी हर महीने ई-टेंडर के जरिये खरीदा जाता है।

मंदिर में घी कौन सप्लाई करता है?

YSRCP और TDP सरकार के सप्लायर अलग-अलग

पिछले 50 सालों से कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) ट्रस्ट को घी दे रहा था। जुलाई 2023 में KMF ने कम रेट में घी सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार (YSRCP) ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था। इनमें से एक तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स भी है, जिसके प्रोडक्ट में गड़बड़ी मिली थी।

नायडू सरकार ने घी बेचने वालों को ब्लैक लिस्ट

नायडू सरकार ने जून, 2024 में सीनियर IAS अधिकारी जे श्यामला राव को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का नया एग्जीक्यूटिव ऑफिसर नियुक्त किया था। प्रसादम (लड्डू) की क्वालिटी जांच का आदेश दिया। इसके लिए एक कमेटी भी बनाई।

प्रसाद के टेस्ट और क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए कमेटी ने कई सुझाव दिए। साथ ही लड्डू में यूज होने वाले घी की जांच के लिए गुजरात स्थित नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) को सैंपल भेजे। जुलाई में आई रिपोर्ट में जानवर की चर्बी होने का ज़िक्र था।

इसके बाद टीटीडी ने एआर डेयरी फूड्स से आए घी के स्टॉक को वापस कर दिया। साथ ही ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर दिया। इसके बाद टीटीडी ने फिर से KMF से घी मंगाना शुरू किया। एआर डेयरी फूड्स से घी 320 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर मिलता था, जबकि तिरुपति ट्रस्ट अब कर्नाटक को-ऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) से 475 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट से घी खरीद रहा है।

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