घर खरीदारों का पैसा जब तक विदेश से नहीं आता, तब तक जमानत नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख
यूनिटेक समूह के प्रमोटर संजय चंद्रा और उनके भाई अजय चंद्रा को तब तक जेल से बाहर नहीं आने दिया जाएगा जब तक कि विदेशों से कुछ पैसा वापस नहीं आ जाता है। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, आइएएनएस। यूनिटेक समूह के प्रमोटर संजय चंद्रा और उनके भाई अजय चंद्रा को तब तक जेल से बाहर नहीं आने दिया जाएगा जब तक कि विदेशों से कुछ पैसा वापस नहीं आ जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह टिप्पणी तब की जब वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि संजय चंद्रा पिछले चार साल से जेल में हैं और उन्हें अब जमानत दी जानी चाहिए। चंद्रा के वकील की एक दलील पर पीठ ने कहा कि आपके मुवक्किल को अच्छी तरह से पता है कि पैसा कहां है।
व्यावहारिक समाधान के साथ आएं
फोरेंसिक आडिट से पता चलता है कि समूह के प्रमोटरों ने घर खरीदारों और बैंकों द्वारा कर्ज के तौर पर दिए गए हजारों करोड़ रुपये टैक्स हैवन देशों में भेज दिया है। रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि यूनिटेक की तीन सहायक कंपनियों ने 2007-2010 के बीच साइप्रस स्थित 10 कंपनियों में 1,745.81 करोड़ रुपये का निवेश किया। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण और यूनिटेक समूह को लचीलापन अपनाना चाहिए और कंपनी द्वारा भुगतान किए जाने के संबंध में एक व्यावहारिक समाधान के साथ आना चाहिए।
उप समिति को तीन एआरसी संग वार्ता की मिली अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक समूह के नए प्रबंधन बोर्ड को तीन परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों (एआरसी) के साथ बातचीत करने की अनुमति प्रदान कर दी है। इन कंपनियों को 15 हजार फ्लैट में से आठ हजार फ्लैट परस्पर सहमति से तय बकाये के एकमुश्त भुगतान के लिए सौंपे गए थे। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने कहा कि नए प्रबंधन बोर्ड द्वारा गठित चार निदेशकों की उपसमिति चार सप्ताह में सुरक्षा एआरसी, जेएम फाइनेंशियल एआरसी और एडलवाइस एआरसी के साथ बकाया और निपटान समझौते पर बातचीत करेगी और उसे इससे अवगत कराएगी।
अधिकारियों से भी मिलने की अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने उप समिति को नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अधिकारियों से भी मिलने की अनुमति दे दी है। जिन्होंने यूनिटेक समूह द्वारा देय और बकाया राशि पर नए बोर्ड द्वारा पेश समाधान योजना पर आपत्ति जताई थी। पीठ ने कहा कि इसी तरह की चर्चा उप समिति द्वारा हरियाणा सरकार और उसकी एजेंसियों के साथ की जाएगी। सुनवाई के दौरान नए बोर्ड की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने कहा कि वर्तमान में 74 आवासीय और 10 व्यावसायिक निर्माणाधीन परियोजनाएं हैं। इसमें 15 हजार इकाइयों का कब्जा घर खरीदारों को देना है।

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