Protests over Prophet remarks: प्रदर्शन से मुस्लिम धर्मगुरुओं ने बनाई दूरी; 'उपद्रवियों' पर कार्रवाई की मांग, जानें किसने क्या कहा
Protests over Prophet remarks पैगंबर पर की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को नमाज के बाद देश के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुए। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इसे माहौल बिगाड़ने की कोशिश बताया। जानें किसने क्या कहा...

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। शुक्रवार को नमाज के बाद देश के कई शहरों में उग्र प्रदर्शन से माहौल बिगाड़ने की कोशिश पर मुस्लिम धर्मगुरुओं और विद्वानों ने सख्त प्रतिक्रिया देते हुए इसे गलत बताया है। दिल्ली में जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।
सब लोग मिलकर काम करें
वहीं, वाराणसी में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एवं ज्ञानवापी मामले में मस्जिद पक्ष के मुख्य पक्षकार एसएम यासीन ने अपील की है कि सौहार्द कायम रखने में सब लोग मिलकर काम करें। सहारनपुर के शहर काजी नदीम अख्तर ने कहा कि विरोध कानून के दायरे में रहकर ही किया जाना चाहिए।
शाही इमाम बोले- नहीं पता कौन लोग थे
दिल्ली के जामा मस्जिद क्षेत्र में भीड़ द्वारा उग्र प्रदर्शन और नारेबाजी से दूरी बनाते हुए शाही इमाम ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि किन लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया। जानकारी नहीं थी कि यहां प्रदर्शन होने वाला है। प्रदर्शन में आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के लोगों के होने की चर्चा से भी बुखारी ने अनभिज्ञता जताई।
ऐसे प्रदर्शन न हों
समाचार एजेंसी प्रेट्र से बुखारी ने कहा कि शुक्रवार को नमाज के बाद 40-50 लोगों ने हाथों में पोस्टर लेकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। जामा मस्जिद से किसी प्रदर्शन का एलान नहीं किया गया था। नहीं मालूम कि ये लोग कौन थे।
ऐसे प्रदर्शन सही नहीं
बुखारी ने एक टीवी चैनल से कहा कि उन्होंने लोगों से प्रदर्शन और दुकानें बंद रखने से दूर रहते हुए शांति बनाए रखने की अपील की थी। स्थितियों को देखते हुए यह प्रदर्शन सही नहीं था। ऐसे प्रदर्शन नहीं होने चाहिए। आखिर में इससे हमें ही नुकसान होगा।
मिलकर सौहार्द कायम करें
दूसरी तरफ, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने शुक्रवार को हुए उग्र प्रदर्शन के बाद कहा कि सौहार्द कायम करने में सबको मिलकर काम करना चाहिए। इससे पहले गुरुवार को उन्होंने कहा था कि इंटरनेट मीडिया पर ज्यादातर खबरें सच से परे होती हैं। इससे दूरी बनाए रखें, जिससे अमन-चैन बना रहे।
कानून के दायरे में जताएं विरोध
जमीयत उलमा ए हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने साफ किया था कि भारत बंद से उनका या उनके संगठन का कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने सभी से संयम बरतने की अपील भी की थी। इसके बाद भी सहारनपुर में विरोध प्रदर्शन किया गया।
विरोध का यह तरीका उचित नहीं
सहारनपुर के शहर काजी नदीम अख्तर ने कहा कि युवाओं के विरोध का तरीका उचित नहीं है। कानून के दायरे में ही विरोध प्रदर्शन करना चाहिए। बुजुर्गों व मौलानाओं की बात माननी चाहिए। वहीं, जामा मस्जिद सहारनपुर के प्रबंधक मौलवी फरीद मजाहिरी ने कहा कि मौलानाओं की अपील को मानना चाहिए था। भावनाएं अपने स्थान पर हैं जबकि कानून अपनी जगह।
कई शहरों में उपद्रव
बता दें भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा की बीते दिनों एक टीवी शो में की गई टिप्पणी का विरोध करते हुए भीड़ ने शुक्रवार को नमाज के बाद अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन व उपद्रव किया।
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