हिजाब के मसले पर अलग अलग सुर, किसी ने बताया संवैधानिक अधिकार तो किसी ने कहा- स्टूडेंट्स को नहीं बनाएं मोहरा
हिजाब विवाद पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष के सियासी दिग्गजों के बीच ही अलग अलग सुर उभर रहे हैं। वहीं हिजाब प्रकरण के धार्मिक और सियासी मुद्दा बन जाने ...और पढ़ें

नई दिल्ली, एजेंसियां/जेएनएन। हिजाब विवाद पर सियासत गरमा गई है। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन नेता असदुद्दीन ओवैसी ने हिजाब को सही ठहराया तो आदित्य ठाकरे ने स्कूली ड्रेस कोड पर जोर दिया। राकांपा नेता सुप्रिया सुले और कांग्रेस महासचिव ने हिजाब विवाद पर सरकार पर हमला बोला। वहीं प्रगतिशील मुस्लिम महिलाओं ने पर्दा प्रर्था के मजबूत होने की आशंका जताई। जानें किसने क्या कहा...
आदित्य ठाकरे ने कही यह बात
हिजाब विवाद के बीच महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने बुधवार को कहा कि स्कूलों में स्कूली पोशाक के अलावा किसी अन्य ड्रेस के लिए जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा- स्कूलों में जहां कहीं भी पोशाक लागू हो उसके अलावा किसी और ड्रेस के लिए जगह नहीं होनी चाहिए। स्कूल और कालेज शिक्षा के केंद्र हैं वहां केवल शिक्षा दी जानी चाहिए। स्कूलों और कालेजों में राजनीतिक या धार्मिक चीजें नहीं लाई जानी चाहिए।
इस्लाम की पहचान हिजाब से नहीं
सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षिका सादिया सईद कहती हैं कि इस्लाम की पहचान हिजाब से नहीं है। मौजूदा वक्त में जिस तरह से हिजाब को इस्लाम की पहचान से जोड़ा जा रहा है, उससे डर है कि समाज में पर्दा करने का दबाव बढ़ सकता है। वहीं मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय संयोजिका शालिनी अली कहती हैं कि स्टूडेंट्स को मोहरा बनाया जा रहा है जो चिंताजनक है।
तालिबानी सोच को बढ़ावा देने की कोशिश
सामाजिक कार्यकर्ता अंबर जैदी कहती हैं देश में तालिबानी सोच को बढ़ावा देने की कोशिश हो रही है। शिक्षण संस्थानों को धर्म का अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए। पर्दा करने के समर्थन में युवतियां अब बुरका पहनकर निकल रही हैं जो बेहद चिंताजनक है।
यूनिफार्म कोड का हो पालन
खान अब्दुल गफ्फार खान की पड़ पोती और आल इंडिया पख्तून जिरगा-ए-हिंद की अध्यक्ष यासमीन निगार खान (Yasmin Nigar Khan) ने कहा कि मेरा मत है कि स्कूलों में यूनिफार्म कोड का पालन किया जाना चाहिए। इस मसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। स्कूलों में धर्म का पालन एक सीमा तक ही होना चाहिए।
ओवैसी ने कही यह बात
वहीं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिजाब विवाद में कहा कि किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़े है जो हिजाब पहनने से रोक लेगा। बेटियां जब तक नहीं पढ़ेंगी तब तक हम विकसित नहीं होंगे। हिजाब पहनना मुस्लिम समाज की महिलाओं का संवैधानिक अधिकार है। वह बिना किसी डर के हिजाब पहन सकती हैं।
विवाद सुलझाना चाहिए
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कर्नाटक सरकार को विवाद सुलझाना चाहिए। वहीं रणदीप सुरजेवाला ने छात्रों के नाम खुला पत्र लिख अपील की है कि वह कट्टरपंथियों की साजिश का शिकार न बनें। राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा कि क्या भाजपा तय करेगी कि देश में कोई क्या खाएगा या क्या पहनेगा? पोशाक पर पाबंदी नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन है।
सुप्रिया सुले और प्रियंका का भाजपा पर हमला
राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि भाजपा को हिजाब पहने तो दिक्कत है, कपड़े पहने तो भी उनको दिक्कत है। वे नैतिक पहरेदारी और वैचारिक पहरेदारी भी करेंगे। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि बिकिनी, घूंघट, जींस या हिजाब... यह एक महिला का अधिकार है कि उसको क्या पहनना है और क्या नहीं।
लालू यादव बोले- देश में फिर आ गए अंग्रेज
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि ऐसा लगता है कि 70 साल बाद फिर अंग्रेज आ गए हैं। देश में इतनी गरीबी और महंगाई है उस पर प्रधानमंत्री चर्चा नहीं करते हैं। अयोध्या, वाराणसी और मथुरा पर ही यह लोग लगे हुए हैं। इनको (भाजपा को) चस्का लग गया है कि ऐसा करने से हिंदू वोट मिलेगा।
पी. विजयन बोले- यह बेहद खतरनाक
केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने के अधिकार को लेकर उठे विवाद की निंदा की। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान धर्मनिरपेक्षता के लिए उपजाऊ जमीन बनें। इसके बजाय बच्चों के मन में सांप्रदायिक जहर डालने की कोशिश की जा रही है। यह बहुत खतरनाक है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।