Pics: कभी न भूलने वाले जख्म दे गया करोलबाग होटल का भीषण अग्निकांड, आंखें हो गई नम
करोलबाग स्थित अर्पित होटल में लगी आग कई के लिए कभी न भूलने वाली कड़वी याद बन गई है। इस आग में दो विदेशी सैलानियों के साथ कुल 17 लोगों की मौत हो गई।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। दिल्ली के करोल बाग स्थित इलाके के अर्पित पैलेस होटल में लगी आग से 17 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 10 पुरुष, छह महिलाएं व एक बच्चा शामिल हैं। इनमें अब तक 13 की ही पहचान हो पाई है। मृतकों में म्यांमार के भी दो नागरिक शामिल हैं। यह हादसा उस वक्त हुआ जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे। हादसे के वक्त होटल में 53 लोग मौजूद थे। यहां लगी भीषण आग को बुझाने में तीन घंटे का समय लगा।
घटना के बाद होटल के सुपरवाइजर का अब तक कुछ पता नहीं चला है। परिजन उनकी खोज में अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं। करीब 400 वर्गमीटर में निर्मित होटल में 46 कमरे हैं। 38 कमरों में देशी-विदेशी पर्यटक और करीब 25 होटलकर्मी मौजूद थे। होटल में अवैध बार और रेस्तरां चल रहे थे।
अग्निकांड में मारे गए शेफ तारा का बेटा का बेटा पिता को खोने के बाद लेडी हार्डिग अस्पताल की मोर्चरी के बाहर फूट-फूट कर रो पड़ा। परिजन उसे संभालने में लगे रहे होटल में कार्यरत शेफ तारा भी नींद में थे। आग से घिरने पर उन्होंने जिंदगी की चाह में छत से छलांग लगा दी जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। तारा मूल रूप से उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के रहने वाले थे। इस होटल में तारा दो साल से काम कर रहे थे। सोमवार को वह नाइट ड्यूटी पर थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब इस होटल में आग लगी तब कुछ अधिकारी भी यहां पर रुके थे। इनमें से एक ने आग को लेकर संदेह जताया था और होटल के मैनेजर को इसकी जानकारी भी दी थी, लेकिन मैनेजर ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। बताने के बाद यह अधिकारी एयरपोर्ट के लिए निकल गए। हादसे के बाद परिजन इसकी जानकारी नम आंखों से अपनों को देते हुए दिखाई दिए।
केरल से आए एक ही परिवार की खुशियां इस आग ने छीन ली। इस परिवार के 13 सदस्यों में से तीन की मौत इस आग की वजह से हो गई। मृतकों की पहचान नलिनी अम्मा (84), उनके बेटे विद्या सागर (60) व बेटी जयश्री (53) के रूप में हुई है। नलिनी की नातिन का शादी समारोह बीते आठ तारीख को गाजियाबाद में संपन्न हुआ था। इसी में शामिल होने के लिए सभी आए थे।
करोल बाग होटल हादसा कुछ लोगों के लिए न भूलने वाला दर्द हो गया है। इस आग ने कुछ परिवारों की खुशियां खत्म कर दी तो कुछ के यह बुरे सपने की तरह बन गया है। इस हादसे को झेलने वालों की आंखों से आंसू रुक नहीं पा रहे हैं। वहीं जिसने इस मंजर को देखा वह भी अपने आंखें नम होने से नहीं रोक पाया। इस आग ने 1986 में दक्षिण दिल्ली के होटल में लगी आग और 1997 में हुई उपहार ट्रेजडी की याद दिला दी।
इस हादसे के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी घटनास्थल का जायजा लिया।
अर्पित होटल को अग्निशमन विभाग की की तरफ से प्रमाण पत्र (एनओसी) दिया गया था। 12 दिसंबर 2014 को फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट दिया गया था। उसके बाद वहां अवैध तरीके से रुफ टॉप रेस्तरां का निर्माण करा दिया गया था। पांचवें फ्लोर को ईंट की दीवार से सील कर दी गई थी।
इसके बाद दमकल विभाग ने दिसंबर 2017 में जब दोबारा उसका निरीक्षण किया था तो होटल मालिक ने सुरक्षा नियमों का पूरा करने की बात कही थी। व्यवस्था ठीक करने के बाद 18 दिसंबर 2017 को होटल को फिर एनओसी दे दिया गया था।पांच मंजिला भवन के बेसमेंट में बार चल रहा था तो वहीं छत पर रेस्तरां। वहां रसोई घर भी नहीं बना था।