Pakistan vs India: क्या चीन के भरोसे जंग की गीदड़ भभकी दे रहा पाकिस्तान? एक्सपर्ट से जानें सभी सवालों के जवाब
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार जारी है। पाकिस्तान की ओर से बार-बार जंग की गीदड़ भभकी दी जा रही हैं ऐसे सवाल ये है कि खराब अर्थव्यवस्था आंतरिक सुरक्षा और सैन्य साजो-सामान की कमी के बावजूद क्या पाकिस्तान युद्ध लड़ने की स्थिति में है क्या पाकिस्तान के पास पर्याप्त गोला बारूद है?
जागरण टीम, नई दिल्ली। भारत के साथ कई मोर्चों पर पूरी तीव्रता वाला युद्ध लड़ने के लिहाज से पाकिस्तान की क्षमता बहुत सीमित है। बदहाल अर्थव्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर चुनौतियां और सैन्य साजो-सामान की कमी लंबे समय तक सैन्य संघर्ष को जारी रखना उसके लिए चुनौतीपूर्ण बनाती हैं।
आईडीएसए के रिसर्च फेलो डीपीके पिल्लई बताते हैं कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर पाकिस्तान की स्थिति काफी खराब है। उसकी जीडीपी सिर्फ 374 अरब डॉलर की है और विदेशी मुद्रा भंडार करीब 15 अरब डॉलर है।
जंग छिड़ी तो पाकिस्तान का क्या होगा?
उनका कहना है कि पाकिस्तान के पास जरूरी चीजें आयात करने के लिए विदेशी मुद्रा बहुत कम है और इसके लिए भी उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और चीन की आर्थिक मदद पर निर्भर रहना पड़ रहा है। पूर्ण युद्ध में एक दिन का खर्च करीब 25 करोड़ डॉलर आने का अनुमान है, अगर युद्ध लंबा खिंचा तो यह उसके लिए आर्थिक तौर पर विनाशकारी साबित होगा।
पाकिस्तान अपने कई प्रांतों में आंतरिक सुरक्षा की बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। बलूचिस्तान में बलूच अलगाववादी संगठन और खैबर पख्तूनख्वा में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान लगातार हमले कर रहे हैं। इसके अलावा, लंबे समय से चल रही राजनीतिक स्थिरता और सेना का राजनीति में दखल भी उसे एक देश के तौर पर कमजोर करता है।
भारत के साथ संघर्ष और आंतरिक मोर्चे पर हमलों से एक साथ निपटने की चुनौती पाकिस्तान की सेना पर भारी पड़ेगी। भारत एक सैन्य रणनीति के तहत उसकी इस कमजोरी का फायदा उठा सकता है।
पाकिस्तान कहां से लाएगा गोला-बारूद?
पाकिस्तान की सेनाएं प्रशिक्षित और पेशेवर हैं, लेकिन बावजूद वह सैन्य क्षमता के मोर्चे पर बेहतर स्थिति में नहीं है। घरेलू इंडस्ट्री बुनियादी गोला बारूद का उत्पादन कर सकती हैं, लेकिन अगर सैन्य संघर्ष लंबा खिंचा तो उसके लिए जरूरी हथियार और गोला- बारूद की आपूर्ति सुनिश्चित करना मुश्किल होगा।
ज्यादा संभावना इस बात की है कि उसके पास हथियारों और गोला बारूद का भंडार छोटी अवधि के संघर्ष के लिए हो क्योंकि पाकिस्तान की सोच है कि परमाणु हथियार बड़े और लंबे सैन्य संघर्ष की आशंका को कम करते हैं।
पाकिस्तान ने चीन से जेएफ-17 और जे-10 सी लड़ाकू विमान जैसे अत्याधुनिक प्लेटफार्म हासिल किए हैं, लेकिन इसकी तुलना में भारत के पास ज्यादा और अधिक उन्नत प्लेटफार्म हैं जो युद्ध में अपनी क्षमता साबित कर चुके हैं।
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चीन और आईएमएफ पर कितना निर्भर है पाक?
भारत ने पिछले एक दशक में घरेलू स्तर पर रक्षा उत्पादन की क्षमता को काफी बढ़ाया और सेना की ज्यादातर जरूरतें घरेलू इंडस्ट्री से पूरी हो रही हैं। पाकिस्तान के साथ ऐसा नहीं है। इन कारकों को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि पाकिस्तान भारत के साथ मुश्किल से ही पूर्ण पारंपरिक युद्ध लड़ सकता है।
अगर युद्ध हुआ तो पाकिस्तान के लिए एक हफ्ते तक टिकना मुश्किल होगा क्योंकि वह आर्थिक मोर्चे पर चीन और आईएमएफ पर बुरी तरह से निर्भर है। युद्ध में उसके दूसरे संसाधन बहुत तेजी से खर्च होंगे। चीजों के दाम आसमान छूने लगेंगे और लोगों के लिए अपना पेट भरना मुश्किल हो जाएगा।
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(डीपीके पिल्लई,रिसर्च फेलो, आईडीएसए से बातचीत)
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