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    Nirbhaya Case: फांसी से बचने का आखिरी दांव भी फेल, दोषी मुकेश की याचिका SC से खारिज

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Mon, 16 Mar 2020 03:33 PM (IST)

    Nirbhaya Case मुकेश के वकील एमएल शर्मा की मानें तो सुधारात्मक याचिका दायर करने की समय सीमा तीन साल थी जिसकी जानकारी मुकेश सिंह को नहीं दी गई।

    Nirbhaya Case: फांसी से बचने का आखिरी दांव भी फेल, दोषी मुकेश की याचिका SC से खारिज

    नई दिल्ली [माला दीक्षित]। Nirbhaya Case : देश को दहला देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चारों दोषियों में से एक मुकेश सिंह की याचिका सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। 20 मार्च को होने वाली फांसी से पहले दोषी मुकेश को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। इस याचिका के खारिज होते ही 20 मार्च को होने वाली फांसी का रास्ता साफ हो गया है।  

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    सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषी मुकेश की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपनी पुरानी वकील पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कोर्ट से दोबारा सुधारात्मक याचिका (Curative petitions) और दया याचिका (mercy petition) दाखिल करने की इजाजत मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बहस सुनने के बाद याचिका को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया।

    ऐसे में निर्भया के दोषी मुकेश की फांसी से बचने की यह आखिर चाल भी कामयाब नहीं हुई। इसके बाद निर्भया के चारों दोषियों की फांसी का रास्ता साफ हो गया है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा जारी डेथ वारंट के मुताबिक, आगमामी 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे चारों दोषियों (विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय सिंह) दिल्ली की तिहाड़ जेल संख्या-3 में फांसी दी जाएगी। 

    मुकेश ने यह याचिका 6 मार्च को दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से  इनकार कर दिया था, जिसके बाद 16 मार्च की तारीख सुनवाई के लिए मुकर्रर की थी। 

    यह याचिका मुकेश सिंह के भाई सुरेश सिंह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। यह याचिका सुरेश की ओर से वकील एमएल शर्मा ने याचिका दायर की थी।

    वकील एमएल शर्मा का आरोप है कि मुकेश के लिए निचली अदालत द्वारा नियुक्त वकील वृंदा ग्रोवर ने उस पर दबाव डाल कर सुधारात्मक याचिका (Curative petition) दाखिल करवाई, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज भी कर दिया था। इस याचिका में मुकेश सिंह के वकील की ओर से दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को भी पार्टी बनाया गया था। 

    मुकेश के वकील एमएल शर्मा की मानें तो सुधारात्मक याचिका दायर करने की समय सीमा तीन साल थी, जिसकी जानकारी मुकेश सिंह को नहीं दी गई। उनका कहना है कि पूर्व वकील ने धोखे से मुकेश से कागजात पर साइन करवाए और सुधारात्मक याचिका दाखिल कर दी, जो खारिज भी हो गई। 

    बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट चारों दोषियों (विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय) को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया है।  कोर्ट द्वारा जारी चौथे डेथ वारंट के मुताबिक आगामी 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे चारों दोषियों को एक साथ फांसी की सजा दी जानी है।

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