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Nirbhaya case: राष्ट्रपति ने खारिज की मुकेश की दया याचिका, फांसी से बचने का आखिरी रास्ता भी बंद

Nirbhaya case Updates ऐसे में मुकेश सिंह के पास फांसी से बचने का अंतिम रास्ता भी बंद हो गया है और मुकेश को फांसी लगना तय है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 11:09 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 03:30 PM (IST)
Nirbhaya case: राष्ट्रपति ने खारिज की मुकेश की दया याचिका, फांसी से बचने का आखिरी रास्ता भी बंद
Nirbhaya case: राष्ट्रपति ने खारिज की मुकेश की दया याचिका, फांसी से बचने का आखिरी रास्ता भी बंद

नई दिल्ली, जेएनएन। 2012 Delhi Nirbhaya Case: निर्भया मामले में अब तक की सबसे बड़ी खबर आ रही है। ताजा घटनाक्रम में चारों दोषियों में से एक मुकेश सिंह की दया याचिका केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को खारिज कर दी है। ऐसे में मुकेश सिंह के पास फांसी से बचने का अंतिम रास्ता भी बंद हो गया है और मुकेश को फांसी लगना तय है। वहीं, गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका खारिज होने के बाद अब फाइल दिल्ली सरकार के पास भेज दी है। 

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बता दें कि मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजने के साथ उसे खारिज करने की भी सिफारिश केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से की गई थी। इस पर अमल करते हुए राष्ट्रपति की ओर यह याचिका खारिज की गई है। इससे पहले दिल्ली सरकार की ओर याचिका खारिज करने की अपील करते हुए इसे उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेजा गया था।  

बता दें कि पिछले दिनों दोषी मुकेश सिंह ने तिहाड़ जेल प्रशासन के पास दया याचिका दी थी। यह याचिका राष्‍ट्रपति के पास तिहाड़ प्रशासन के जरिये दिल्ली सरकार फिर उपराज्यपाल और फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय होते हुए राष्‍ट्रपति के पास पहुंची थी।

राष्‍ट्रपति को होता है सजा माफ करने का अधिकार

यहां पर बता दें कि फांसी की सजा पाया दोषी राष्ट्रपति के पास रहम पाने के लिए दया यायिका दायर कर सकता है। वहीं, राष्ट्रपति को संविधान की धारा-72 के तहत यह अधिकार हासिल है कि वह फांसी की सजा माफ कर सकते हैं। 

फांसी टलने पर राजनीतिक घमासान

वहीं, डेथ वारंट जारी होने के बाद फिर निर्भया के दोषियों की फांसी टलने पर दिल्ली के राजनीतिक गलियारे में घमासान मचा हुआ है। दिल्ली भाजपा के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इसके लिए AAP की दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार का एक मंत्री इतने संवेदनशील मुद्दे पर इतना बड़ा झूठ कैसे बोल सकता है। दिल्ली सरकार निर्भया के दोषियों को जल्द फांसी दिलाने के पक्ष में है। वही जावडेकर का कहना है कि महिलाओं से जुड़े अपराधों के मामले में आप सरकार असंवेदनशील हो गई है।

अरविंद केजरीवाल सरकार को घेरा

केंद्रीय मंत्री ने अरविंद केजरीवाल सरकार से प्रश्न किया कि पिछले ढाई वर्षों में दया याचिका दायर करने के लिए दोषियों को दिल्ली सरकार ने नोटिस क्यों नहीं दिया? सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2017 में दोषियों की अपील को खारिज कर दिया था और उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन, केजरीवाल सरकार के रवैये से उन्हें सजा नहीं मिली। अगर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक सप्ताह के भीतर दोषियों को नोटिस दिया होता तो उन्हें अबतक फांसी की सजा मिल गई होती।

मीनाक्षी लेखी ने लगाया AAP प्रत्याशी पर गंभीर आरोप

मीनाक्षी लेखी ने आरोप लगाया कि एक अन्य बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपित के रिश्तेदार को आम आदमी पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है।

AAP ने किया पलटवार

वहीं भाजपा पर पलटवार करते हुए सिसोदिया ने कहा कि मैंने जावडेकर का बयान सुना, सुनकर मुङो बड़ा ही दुख हुआ है। एक ऐसा मामला जिसके फैसले का इंतजार पूरा देश, हमारी न्यायिक व्यवस्था और निर्भया के माता-पिता कर रहे हैं, इतने संवेदनशील मुद्दे पर वह झूठ बोल रहे हैं। दिल्ली सरकार दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दिलवाने के पक्ष में है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस प्रशासन और गृह मंत्रालय आपके हाथ में है। तिहाड़ के महानिदेशक की नियुक्ति आपके हाथ में और आप कह रहे हैं कि दिल्ली सरकार ने नहीं किया। उन्होंने जावडेकर से कहा कि आप गृह मंत्री से पूछिए कि जब तिहाड़ का प्रशासन उनके अधीन आता है तो उन्होंने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की, क्यों वह अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं? सिसोदिया ने कहा कि यदि आप से कुछ नहीं हो पा रहा तो मात्र 2 दिन के लिए पुलिस प्रशासन दिल्ली सरकार के अधीन दे दीजिए, हम निर्भया के दोषियों को फांसी पर चढ़ा कर दिखाएंगे।

दिल्ली का कानून व्यवस्था केंद्र के पास : AAP

वहीं सांसद संजय सिंह ने कहा कि दया याचिका को दिल्ली सरकार ने मात्र कुछ ही घंटों में खारिज कर दिया। पूरा देश जानता है कि दिल्ली की कानून व्यवस्था केंद्र के हाथ में है।

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