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Nirbhaya Case: फांसी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पवन, बोला- उम्रकैद दे दीजिए

Nirbhaya Case निर्भया मामले में पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की है। पवन ने अपनी याचिका में खुद को वारदात के समय नाबालिग होने का भी जिक्र किया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 03:36 PM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 08:36 PM (IST)
Nirbhaya Case: फांसी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पवन, बोला- उम्रकैद दे दीजिए
Nirbhaya Case: फांसी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पवन, बोला- उम्रकैद दे दीजिए

नई दिल्ली, एएनआइ। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा पाए चारों दोषियों में से एक पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की है। याचिका में दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की है। 

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इसके अलावा पवन कुमार गुप्ता ने निचली अदालत की तरफ से जारी किए गए डेथ वारंट पर भी रोक लगाने की मांग की है। पवन के वकील एपी सिंह ने क्यूरेटिव याचिका दाखिल करते हुए कहा कि पवन को फांसी की सजा नहीं दी जानी चाहिए। पवन ने अपनी याचिका में खुद को वारदात के समय नाबालिग होने का भी जिक्र किया है।

पवन ने अभी तक खत्म नहीं किए सभी कानूनी उपाय

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में इससे पहले तीन दोषियों मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिकाएं पहले ही राष्ट्रपति ने कर दी थी। चारों में से सिर्फ पवन गुप्ता ही एक ऐसा दोषी है जिसने अभी तक अपने सभी कानूनी विकल्प खत्म नहीं किए हैं। पवन के पास अभी राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल करने का भी विकल्प है।

इसके अलावा अक्षय ने अभी राष्ट्रपति की दया याचिका खारिज करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी है। जबकि दो अन्य दोषियों ने दया याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति के फैसले को चुनौती दी थी।

3 मार्च को दी जाने वाले फांसी टल सकती है

बता दें कि ट्रायल कोर्ट ने 17 फरवरी को चार दोषियों मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) के खिलाफ 3 मार्च को डेथ वारंट जारी किया है। कोर्ट ने तीन मार्च सुबह 6 बजे चारों दोषियों को फांसी देने का आदेश दिया हुआ है। माना जा रहा है कि पवन के इस याचिका के बाद एक बार फिर फांसी टल सकती है। कानूनी प्रावधानों के मुताबिक जब तक किसी दोषी के सभी कानूनी उपाय खत्म नहीं हो जाते तब तक उसे फांसी नही दी जा सकती। अगर कोर्ट से दोषी की याचिका खारिज भी हो जाती है तब भी उसे अन्य कानूनी विकल्पों के लिए 14 दिन का समय मिलता है। 

तिहाड़ में फंदे की रस्सी की रोजाना हो रही जांच

पटियाला हाउस कोर्ट द्वार निर्भया के दोषियों के लिए जारी डेथ वारंट के अनुसार तीन मार्च को सुबह छह बजे उन्हें फांसी पर लटकाया जाना है। जेल सूत्रों का कहना है कि अभी फांसी को लेकर तैयारी इस तरह की जा रही है कि इसकी भनक दोषियों को न लगे। फांसी प्लेटफॉर्म की सफाई रोजाना हो रही है। फंदे की रस्सी को जिस बक्से में रखा गया है उसे प्रतिदिन देखकर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि रस्सी में फफूंद या कोई अन्य समस्या तो नहीं है।

बता दें कि रस्सी को नरम करने के लिए बटर या पके केले का इस्तेमाल किया जाता है। फंदे की कुछ रस्सी ऐसी भी है जिनपर पूर्व में ट्रायल के दौरान बटर का इस्तेमाल किया गया था, इनपर फफूंद लगने की आशंका रहती है।

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