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EXCLUSIVE: निर्भया के चारों दोषियों को अलग-अलग दिन फांसी देने पर हो रहा विचार

सामने आ रही बाधाओं के चलते इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि एक ही दिन फांसी न देकर अलग-अलग दिन दोषियों को फांसी पर लटकाया जा सकता है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 09:46 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 11:10 AM (IST)
EXCLUSIVE: निर्भया के चारों दोषियों को अलग-अलग दिन फांसी देने पर हो रहा विचार
EXCLUSIVE: निर्भया के चारों दोषियों को अलग-अलग दिन फांसी देने पर हो रहा विचार

नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। डेथ वारंट के अनुसार निर्भया के चारों दोषियों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी पर लटकाया जाना है। लेकिन जिस तरह से एक के बाद एक कानूनी बाधाएं सामने आ रही हैं, उससे इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि एक ही दिन फांसी न देकर अलग-अलग दिन दोषियों को फांसी पर लटकाया जा सकता है। क्या ऐसा संभव है, इस पर तिहाड़ के अधिकारियों का जवाब गोलमोल होता है। कुछ अधिकारी कहते हैं कि दोषियों को अलग-अलग दिन भी फांसी पर लटकाया जा सकता है। इसमें कोई कानूनी बाधा नहीं है। वहीं कुछ अधिकारी कहते हैं कि सभी दोषियों को एक ही दिन फांसी पर लटकाया जा सकता है। जेल सूत्रों की मानें तो दोनों ही स्थितियों के अनुसार जेल प्रशासन कानूनी सलाह मशविरा करने में जुटा है।

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आखिरकार जल्लाद पहुंचा तिहाड़ दोषियों की उल्टी गिनती शुरू

निर्भया के दोषियों को फंदे पर लटकाने के लिए जल्लाद तिहाड़ पहुंच चुका है। सूत्रों की मानें तो जेल प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराई गई विशेष गाड़ी से जल्लाद शाम करीब पांच बजे तिहाड़ पहुंचा। जेल मुख्यालय में अधिकारियों से मुलाकात के बाद जल्लाद जेल संख्या तीन गया, वहां अधिकारियों के साथ फांसी घर को देखा। शाम का वक्त होने के कारण बृहस्पतिवार को फांसी का ट्रायल नहीं हो सका, अब शुक्रवार को फांसी का ट्रायल होगा। निर्भया के दोषियों के मामले में तिहाड़ में जल्लाद की मौजूदगी में फांसी का ट्रायल पहली बार होगा। जेल सूत्रों का कहना है कि इस ट्रायल में जेल अधिकारियों के अलावा लोक निर्माण विभाग, तिहाड़ सेंट्रल अस्पताल के चिकित्सक मौजूद रहेंगे। यह ट्रायल शुक्रवार को पूरे दिन चलेगा।

जेल संख्या तीन में पहचान को रखा गुप्त

सूत्रों की मानें तो जब जल्लाद को फांसी घर दिखाने के लिए जेल संख्या तीन में लाया गया तो अधिकारियों के अलावा किसी को इस बात की जानकारी नहीं थी। कर्मचारियों को बताया गया कि यह सरकारी कर्मचारी है। आजकल फांसी घर में रोजाना होने वाले कार्यों के सिलसिले में लोगों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में किसी को शक भी नहीं हुआ।


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