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    Money laundering Case: ईडी की रिटायर्ड IAS रमेश अभिषेक के ठिकानों पर छापेमारी, पूर्व में CBI ने भी दर्ज किया था केस

    By Agency Edited By: Prateek Jain
    Updated: Tue, 21 May 2024 01:09 PM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के पूर्व सचिव रमेश अभिषेक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत उनके परिसरों पर छापेमारी की है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। 1982-बैच के अधिकारी के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा हाल ही में दर्ज की गई सीबीआई एफआईआर के बाद ईडी ने एक्‍शन लिया है।

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    प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को रमेश अभिषेक के ठिकानों पर छापा मारा है।

    पीटीआई, नई दिल्‍ली। प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के पूर्व सचिव रमेश अभिषेक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत उनके परिसरों पर छापेमारी की है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

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    1982-बैच के अधिकारी के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा हाल ही में दर्ज की गई सीबीआई एफआईआर के बाद ईडी ने एक्‍शन लिया है। फरवरी में पूर्व सचिव के यहां सीबीआई ने छापा मारा था। अभिषेक 2019 में DPIIT (तत्कालीन औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग) से सेवानिवृत्त हुए हैं।

    अफसर की बेटी के खिलाफ भी दर्ज है मामला 

    सूत्रों ने बताया कि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत अभिषेक के परिसरों की तलाशी ले रही है। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि अभिषेक ने सेवानिवृत्ति के बाद उन निजी कंपनियों से परामर्श शुल्क के रूप में बड़ी रकम प्राप्त करके खुद को अवैध रूप से समृद्ध किया, जिनके मामले उन्होंने सेवा में रहते हुए निपटाए थे।सीबीआई और ईडी ने उनकी बेटी वेनेसा पर भी मामला दर्ज किया है।

    सेवानिवृत्त अधिकारी ने वायदा बाजार आयोग के अध्यक्ष का पद भी संभाला था और भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के एक संदर्भ पर उनके खिलाफ सीबीआई मामला दर्ज किया गया था।

    लोकपाल ने आरोप लगाया है कि पिता-पुत्री की जोड़ी को विभिन्न संस्थाओं और संगठनों से पेशेवर शुल्क के रूप में बड़ी रकम मिली, जिनके साथ पूर्व आईएएस अधिकारी का सचिव या अध्यक्ष के रूप में आधिकारिक लेनदेन था।