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जस्टिस मुरलीधर को मिली विदाई, कहा- 17 फरवरी को ही मिल गई थी तबादले की सूचना

गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने समारोह पूर्वक उन्हें विदाई दी। इस अवसर पर न्यायमूर्ति एस मुरलीधर ने दिल्ली हाई कोर्ट के अपने अनुभव सुनाए।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 09:49 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 10:37 PM (IST)
जस्टिस मुरलीधर को मिली विदाई, कहा- 17 फरवरी को ही मिल गई थी तबादले की सूचना
जस्टिस मुरलीधर को मिली विदाई, कहा- 17 फरवरी को ही मिल गई थी तबादले की सूचना

नई दिल्ली, जागरण संवादाता। दिल्ली से पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अपने तबादले पर न्यायमूर्ति एस मुरलीधर ने स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि 17 फरवरी को चीफ जस्टिस एसए बोबड़े से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में उनके स्थानांतरण के लिए कॉलेजियम की सिफारिश की सूचना मिली थी। उन्होंने इसे स्वीकार कर बता दिया था कि कोई समस्या नहीं है।

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मालूम हो कि दिल्ली दंगों के दौरान 26 फरवरी की रात न्यायमूर्ति एस मुरलीधर के तबादले का आदेश जारी होने पर विवाद खड़ा हो गया था। उसी दिन उनकी अध्यक्षता वाली पीठ ने तीन भाजपा नेताओं के कथित घृणास्पद भाषणों पर कार्रवाई न करने के लिए पुलिस को फटकार लगाई थी।

सीढ़ियों पर खड़े हुए लोग

गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने समारोह पूर्वक उन्हें विदाई दी। इस अवसर पर न्यायमूर्ति एस मुरलीधर ने दिल्ली हाई कोर्ट के अपने अनुभव सुनाए। जस्टिस मुरलीधर को विदाई देने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में कार्यक्रम रखा गया था। प्रैक्टिस कर रहे तमाम वकीलों की भीड़ उमड़ पड़ी। कार्यक्रम में इतने लोग पहुंचे कि बैठने की जगह तक नहीं बची और लोग सीढ़ियों पर ही खड़े हो गए। फेयरवेल के दौरान जस्टिस एस मुरलीधर ने कहा कि जब न्याय की विजय होगी, तो जीत होगी... सच्चाई के साथ रहें तो न्याय होगा।


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