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    आइपीएस बेटे की बेबसी की कहानी, मां को होटल में अकेले छोड़ा; आठ माह बाद मिला तो...

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 25 Jul 2019 06:51 PM (IST)

    दिल्ली निवासी 2004 बैच के आइपीएस अविनाश जोशी मां के साथ दिसंबर 2018 में उज्जैन आए थे। इस दौरान वे मां तारा को होटल में छोड़कर चले गए थे। जाते समय बेटे ...और पढ़ें

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    आइपीएस बेटे की बेबसी की कहानी, मां को होटल में अकेले छोड़ा; आठ माह बाद मिला तो...

    नईदुनिया, उज्जैन। भारतीय पुलिस सेवा (IPS) का एक अधिकारी आठ महीने पहले उज्जैन के एक होटल में मां को अकेला छोड़ गया था। बेबस मां इतने महीनों से निराश्रित और दिव्यांग लोगों के सेवाधाम आश्रम में रह रही थीं। बुधवार को बेटा मां को लेने आश्रम पहुंचा और उससे गले लगकर खूब रोया। इसके बाद मां को दिल्ली ले गया।

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    जानकारी के मुताबिक दिल्ली निवासी 2004 बैच के आइपीएस अविनाश जोशी मां के साथ दिसंबर 2018 में उज्जैन आए थे। इस दौरान वे मां तारा को होटल में छोड़कर चले गए थे। जाते समय बेटे ने मां को कोई कारण नहीं बताया था। मां एक महीने तक होटल में ही रुकीं और बेटे के लौटने का इंतजार करती रहीं।

    इस दौरान उनके पास पैसे खत्म हो गए। होटल मालिक ने इस घटना से उज्जैन कलेक्टर को अवगत कराया। इसके बाद एडीएम और महिला सशक्तीकरण अधिकारी ने तारा को वन स्टाप सेंटर में स्थानांतरित कराया। चूंकि इस केंद्र में बुजुर्ग महिला को ज्यादा वक्त तक नहीं रखा जा सकता था, इसलिए उन्हें सेवाधाम आश्रम में भेज दिया गया। इस दौरान मां बेटे से संपर्क नहीं कर सकी।

    आश्रम संचालक ने किया बेटे से संपर्क
    महिला के बारे में जानकारी लगने पर आश्रम संचालक सुधीरभाई गोयल और समाजसेवी यशवंत भंडारी ने अविनाश से संपर्क किया। उन्हें उनकी मां की स्थिति से अवगत कराया। उन्हें अपने साथ घर रखने के लिए प्रेरित किया। इसका परिणाम निकला कि बेटा आठ महीने बाद आया और मां को अपने साथ ले गया। बकौल सुधीरभाई गोयल तारा ने शाम को दिल्ली से फोन कर बताया है कि वह अब ठीक है। सकुशल दिल्ली पहुंच गईं हैं और बेटा उनका अच्छे से ध्यान भी रख रहा है।

    आखिर क्यों छोड़ गया था बेटा
    एक आइपीएस बेटा अपनी मां को क्यों छोड़ गया? इस सवाल का जवाब सुधीरभाई ने पता किया। सुधीरभाई ने बताया कि अविनाश की पहली पोस्टिंग नक्सल प्रभावित इलाके में हुई थी। हालांकि, वह काफी समय से निलंबित चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि उसकी मां को जान का खतरा था, इसलिए वह बिना बताए मां को उज्जैन में छोड़कर चला गए थे। बाद में उनसे मिलने का प्रयास भी नहीं किया, लेकिन उन्हें अपनी भूल का अहसास हुआ।