सभी नागरिकों के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड की मांग वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को संविधान के अनुच्छेद-14 15 और 44 के तहत देश के सभी नागरिकों के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड की मांग वाली जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने केंद्र सरकार (Centre) को संविधान के अनुच्छेद-14, 15 और 44 (Article 14, 15 & 44 of the Constitution) के तहत देश के सभी नागरिकों के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) की मांग वाली जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया है। अदालत ने केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) और लॉ कमिशन (Law Commission) से इस याचिका पर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई आठ जुलाई को होगी।
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट में बृहस्पतिवार को एक जनहित याचिका में केंद्र सरकार को समान नागरिक संहिता को लागू करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है देश की एकता और अखंडता के लिए यह बेहत जरूरी है। भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ( Ashwini Kumar Upadhyay) ने दायर याचिका में कहा कि सरकार समान नागरिक संहिता लागू करने में विफल रही है, जैसा की संविधान के अनुच्छेद-44 में प्रावधान है।
याचिका में दलील दी गई है कि गोवा में साल 1965 से एक समान नागरिक संहिता लागू है। यह वहां के सभी निवासियों के लिए लागू है। गोवा इसे पूरी तरह लागू करने वाला अब तक का एकमात्र राज्य है। याचिका में मांग की गई है कि अदालत केंद्र को तीन महीने के भीतर समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए एक न्यायिक आयोग या एक उच्च-स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन करने का निर्देश जारी करे।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने लॉ कमिशन के सामने देश भर में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने के बारे में सुझाव दिया था। वक्फ बोर्ड ने कहा था कि देश भर में एक कानून लागू होना चाहिए। दरअसल, लॉ कमिशन ने सात अक्टूबर 2016 को लोगों से यूनिफॉर्म सिविल कोड मामले में 16 सवालों पर राय मांगी थी। इसी सिलसिले में यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी ने लॉ कमिशन के चेयरमैन जस्टिस बीएस चौहान के सामने अपने सुझाव दिए थे ।
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