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    SCO summit 2023: पाकिस्तानी दल के सामने रक्षा मंत्री राजनाथ स‍िंह ने कहा- आतंकवाद पर हो सामूहिक प्रहार

    By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena
    Updated: Fri, 28 Apr 2023 10:20 PM (IST)

    रक्षा मंत्री ने कहा कि एससीओ देशों के पास अपार संभावनाएं हैं जो इस समूचे क्षेत्र के विकास में इस्तेमाल हो सकता है। इसके लिए सभी के हितों को साधने की मानसिकता से आगे बढ़ना होगा। भारत ने हमेशा एक साथ चलें आगे बढ़े की सोच का समर्थन किया है।

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    बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने पूर्व में घोषणा के बावजूद हिस्सा नहीं लिया।

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत ने पाकिस्तान, चीन, रूस समेत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सभी सदस्य देशों का आह्वान किया है कि वो आतंकवाद के खिलाफ एक साथ मिल कर लड़ाई शुरु करें। यहां एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ स‍िंह ने कहा क‍ि हर तरह के आतंकवाद को खत्म करने और आतंकवादी गतिविधियों को फंड उपलब्ध कराने वालों की जवाबदेही तय करने के लिए सामूहिक कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि हर तरह का आतंकवाद या इसको मदद करना मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है और इसके साथ शांति व समृद्धि स्थापित नहीं हो सकती।

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    बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने हिस्सा नहीं लिया

    इस बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के आसिफ ने पूर्व में घोषणा करने के बावजूद हिस्सा नहीं लिया। उनकी जगह रक्षा मामलों में पीएम शाहबाज शरीफ के विशेष सलाहकार मलिक अहमद खान ने हिस्सा लिया। रक्षा मंत्री राजनाथ स‍िंह ने कहा कि एससीओ देशों के पास अपार संभावनाएं हैं, जो इस समूचे क्षेत्र के विकास में इस्तेमाल हो सकता है। इसके लिए सभी के हितों को साधने की मानसिकता से आगे बढ़ना होगा। भारत ने हमेशा एक साथ चलें, आगे बढ़े की सोच का समर्थन किया है। हर युग में कुछ परिभाषित करने वाले विचार होते हैं।

    राजनाथ ने कहा, वर्तमान युग में हमें सभी के फायदे के लिए सभी के सहयोग की विचारधारा को अपनाना होगा। उन्होंने मौजूदा खाद्य व ऊर्जा संकट की तरफ भी एससीओ देशों का ध्यान आकर्षित करवाया और कहा, ''हमें खाद्य सुरक्षा पर एक समग्र योजना बनानी चाहिए। इस बारे में एससीओ दुनिया के समक्ष एक रोड मॉडल स्थापित कर सकता है। साथ ही ऊर्जा सुरक्षा भी एससीओ का एक एजेंडा होना चाहिए। रक्षा मंत्री ने एससीओ देशों के बीच प्रशिक्षण, सह-विकास और सह-निर्माण को लेकर भारत की प्रतिबद्धता दिखाई। आज सुरक्षा चुनौतियों किसी एक देश के साथ सीमित नहीं है। भारत सदस्य देशों के साथ रक्षा सहयोग प्रगाढ़ करने को महत्व देता है।''

    बैठक में चीन के रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू, रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई सोइगू, ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रजा के अलावा बेलारूस, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, व किर्गिजस्तान के रक्षा मंत्रियों न भी हिस्सा लिया। रूस के रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में अमेरिका व दूसरे पश्चिमी देशों पर आरोप लगाये कि उन्होंने यूक्रेन विवाद की आड़ में वैश्विक रक्षा व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। यूक्रेन को जो हथियार दिए जा रहे हैं वह काला बाजार के मार्फत आतंकवादियों के हाथ लग जाने का खतरा है। रूस ने यह भी कहा है कि मौजूदा परिप्रेक्ष्य में अमेरिका की असली मंशा रूस व चीन को हराकर अपना एकाधिकार स्थापित करना है। उन्होंने एससीओ की भूमिका को व्यापक व मजूबत बनाने पर बल दिया। चीन के रक्षा मंत्री ने भी एससीओ के सभी सदस्य देशों के साथ क्षेत्रीय व वैश्विक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए काम करने की बात कही।

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