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    2G Case: सीबीआइ ने दिल्‍ली हाई कोर्ट से जल्‍द सुनवाई की अपील की, दाखिल किया आवेदन

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Fri, 31 May 2019 12:00 PM (IST)

    सीबीआइ CBI ने दिल्‍ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में एक आवेदन दाखिल करके 2G मामले में जल्‍द सुनवाई की अपील की है।

    2G Case: सीबीआइ ने दिल्‍ली हाई कोर्ट से जल्‍द सुनवाई की अपील की, दाखिल किया आवेदन

    नई दिल्‍ली, एएनआइ। सीबीआइ CBI ने दिल्‍ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में एक आवेदन दाखिल करके 2G मामले में जल्‍द सुनवाई की अपील की है। बता दें कि  2G मामले में आरोपियों को ट्रायल कोर्ट से बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए सीबीआइ और ईडी ने दिल्‍ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। केंद्रीय जांच एजेंसियों की याचिका पर अदालत ने ए. राजा (A. Raja) एवं अन्‍य आरोपियों को नोटिस जारी करते हुए 30 जुलाई को सुनवाई की तारीख निर्धारित की है। 

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    इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ( Delhi High Court) ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में आरोपितों के समय पर जवाब दाखिल नहीं करने पर सुनवाई के दौरान नाराजगी जताई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने आरोपितों से कहा था कि वे दक्षिण दिल्ली के रिज एरिया में 15 हजार पेड़ लगाएं। हालांकि, जिन आरोपितों को पेड़ लगाने की सजा सुनाई गई है, उनमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि की बेटी और राज्यसभा सांसद कनिमोझी शामिल नहीं थे।

    बता दें कि साल 2010 में आई एक सीएजी रिपोर्ट में 2008 में बांटे गए स्पेक्ट्रम पर सवाल उठाए गए थे। इसमें बताया गया था कि स्पेक्ट्रम की नीलामी के बजाए 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर इसे बांटा गया था। इससे सरकार को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। इसमें इस बात का जिक्र था कि नीलामी के आधार पर लाइसेंस बांटे जाते तो यह रकम सरकार के खजाने में जाती।

    दिसंबर 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में विशेष अदालत बनाने पर विचार करने को कहा था। 2जी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने दिसंबर, 2018 में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। जज ओ. पी. सैनी ने एक लाइन में अपना फैसला सुनाया था। उन्‍होंने कहा था कि अभियोजन पक्ष मामले को साबित करने में नाकाम रहा। साल 2011 में पहली बार स्पेक्ट्रम घोटाला सामने आने के बाद अदालत ने इसमें 17 आरोपियों को शुरुआती दोषी मानकर 6 महीने की सजा सुनाई थी। 

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