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    AI, मशीन और किसानी के बारे में छठी कक्षा से ही पढ़ेंगें बच्चे, हुनरमंद बनाने के लिए NCERT की पहल

    Updated: Sat, 24 Aug 2024 07:41 PM (IST)

    NCERT छोटी उम्र से बच्चों को अलग-अलग हुनर में पारंगत बनाने और उनके कौशल विकास के लिए एनसीईआरटी ने विशेष पहल शुरू की है। एनसीईआरटी ने छठी कक्षा के लिए कौशल बोध नाम से नई पाठ्यपुस्तक जारी की है जिसके जरिए बच्चों को एआई मशीनों किसानी खिलौने आदि कौशलों के बारे में पढ़ाया जाएगा। बच्चों को इसी सत्र से इसे विषय के रूप में पढ़ाने की तैयारी है।

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    NCERT ने कौशल विकास की पाठ्यपुस्तक को अनिवार्य रूप से पढ़ाने की सलाह दी है।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चार साल पहले बच्चों को छठी कक्षा से ही हुनरमंद बनाने का नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी ) में जो सपना देखा गया है, अब वह साकार होने जा रहा है। मौजूदा शैक्षणिक सत्र से देश भर के स्कूलों में बच्चों को छठी कक्षा से इसे एक विषय के रूप में पढ़ाने की तैयारी है।

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    राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने छठी कक्षा के लिए कौशल बोध नाम से नई पाठ्यपुस्तक भी जारी कर दी है, जिसके जरिए बच्चों को छठीं कक्षा के स्तर पर ही आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), मशीनों, किसानी, खिलौने आदि के बारे में पढ़ाया जाएगा।

    स्कूलों के लिए जारी की एडवाइजरी

    एनसीईआरटी ने स्कूलों को एडवाइजरी जारी कर जहां एनईपी के तहत पहली, दूसरी, तीसरी और छठी कक्षा के लिए तैयार नई पाठ्यपुस्तकों को अपनाने का सुझाव दिया है। वहीं कौशल विकास की पाठ्यपुस्तक को अनिवार्य रूप से पढ़ाने की सलाह दी है। इसके साथ ही शिक्षकों को कौशल विकास की पढ़ाई को लेकर भी कुछ टिप्स दी है और उसके मूल्यांकन का तरीका बताया है।

    इस दौरान बाकी विषयों की तरह कौशल विकास की पढ़ाई कराने की सुझाव दिया है। कौशल विकास विषय के मूल्यांकन के दौरान भी लिखित परीक्षा की जगह प्रायोगिक कार्यों से जुड़े कामों में महत्व देने का सुझाव दिया है। इस दौरान लिखित परीक्षा के लिए सिर्फ दस प्रतिशत अंक रखने को कहा है, जबकि बाकी 90 प्रतिशत अंक प्रायोगिक कार्यों आदि पर आधारित होगा।

    कौशल विकास पर फोकस

    एनईपी का मानना है कि यदि बच्चों को शुरुआती स्तर से ही कौशल विकास से जोड़ा जाएगा तो आगे चलकर वह किसी न किसी एक हुनर में पारंगत हो जाएगा, जिसकी मदद से वह अपने जीवन का भी निर्वहन कर सकेंगे। एनसीईआरटी ने सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के स्कूलों को एनईपी के तहत तैयार नई पाठ्यपुस्तकों को अपनाने की यह एडवाइजरी तब जारी की है, जब एनईपी के तहत पिछले साल ही बालवाटिका, पहली और दूसरी कक्षा का किताबें जारी कर चुकी है।

    इस साल तीसरी और छठी कक्षा की सभी पाठ्यपुस्तकें जारी की गई है। यह बात अलग है कि छठी की कुछ पाठ्यपुस्तकों को जारी करने में थोड़ी देरी हुई है, लेकिन इसके बाद भी वह इसे स्कूलों तक समय पर पहुंचाने और एनईपी की योजना के तहत इसी सत्र से ही लागू करने में जुटा है।

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